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अपराधक्षेत्रीय

तहसील के अधिकारियों कि भ्रष्ट कार्यशैली का फायदा उठा,चरागाह की भूमि में तैयार लाखों की अवैध फसल हजम कर रहे भूमाफिया

संवाददाता : अनुभव शुक्ला

रायबरेली : सूबे की सत्तासीन योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन व भू माफियाओं से सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करवाने का दावा कितना भी क्यों न कर ले किंतु सलोन तहसील के अधिकारियों के सामने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी आदेश उस समय बौना साबित हो जाता है जब कोई और नहीं बल्कि सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारियों की ही संरक्षण में भूमाफिया चारागाह की सुरक्षित भूमि में ही सामूहिक रूप से गेहूं व आलू कि खेती वर्षो से करते चले आ रहे हैं। जिसे प्रशासन जानकर भी अंजान बना बैठा है किंतु हर बार की तरह इस बार भी उसी प्रक्रिया में भूमाफियों ने गेहूं की फसल तो बो दिया किंतु भूमाफियों व प्रशासन कि ये काली करतूत लगातार नवसत्ता हिंदी दैनिक अखबार के सुर्खियों में है। जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में जिलाधिकारी ने पूर्व तहसीलदार का तबादला कर हल्का लेखपाल पर कार्यवाही इस भी करवा दिया था किंतु उसके बावजूद सलोन तहसील के अधिकारियों का चेहरा तो जरूर बदला है किन्तु भ्रष्टकार्यशैली नहीं बदली हाल ही में क्षेत्र का चार्ज लेने से पहले वर्तमान लेखपाल आशीष विक्रम सिंह ने भूमाफियों पर कार्यवाही का दावे किए किंतु पूर्व क्षेत्रीय लेखपाल राघवेंद्र के ही पगचिन्हों पर नवागंतुक लेखपाल आशीष विक्रम भी चल रहें हैं भूमाफियों के आगे इस तरह सलोन तहसील प्रशासन का नतमस्तक होना भूमाफियों का प्रभाव माने या प्रलोभन इस पूरे मामले से अब यह भी प्रतीत हो रहा है कि शायद चंद सिक्कों की खनक में सलोन तहसील के कर्मचारी भी अपने दायित्वों को भूल चुके हैं जो कि चारागाह की सुरक्षित भूमि में अवैध खेती व मकान बनाने वाले भूमाफियों के लिए वरदान साबित हो रही है भूमाफिया व प्रशासन कि गठजोड़ किसी भी हालत में टूटने का नाम नहीं ले रही है। जिससे एक बार पुनः चारागाह की सुरक्षित भूमि में अवैध रुप से तैयार की गई गेहूं की फसल भूमाफिया बेखौफ ढंग से काटकर घर ले जा रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं सलोन तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा मटका की जहां पर लगभग 67 बीघा चारागाह की भूमि अभिलेखों में तो दर्ज है किन्तु मौके की हकीकत जानकर शायद आप चौंक जाएंगे ! चारागाह की सुरक्षित भूमि पर वर्तमान समय में हाल ही में तहसील प्रशासन के अधिकारियों की लचर कार्यशैली से एक तरफ जहां एक साथ सात अवैध मकानों का निर्माण हुआ जिसकी जानकारी देने के बावजूद दो अवैध मकानों में आधी रात को छत पड़ गई। वहीं दूसरी तरफ चारागाह की सुरक्षित भूमि पर ही वर्तमान समय में लगभग बीस बीघा के ऊपर भूमि में भूमाफिया सामूहिक रूप से गेहूं व आलू की अवैध फसल तैयार कर लिए थे जिसमें आलू की फसल तो भूमाफिया उच्चाधिकारियों से शिकायतें होने के बावजूद सलोन तहसील प्रशासन की सहमति से खोद कर उठा लें गये। जिसके बाद अब चारागाह की ही भूमि में तैयार अवैध गेहूं कि फसल भी काट कर लाखों रुपए कि कमाई कर लिए और सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी भूमाफियों पर कथित कार्यवाही का दावा कर भूमाफियों पर अपनी छत्र छाया बनाये रखें हैं। अब देखना यह है कि क्या चारागाह की सुरक्षित भूमि से गेहूं की अवैध फसल काटकर घर उठा ले जाने वाले भूमाफियों पर होगी कार्यवाही क्या जिस प्रकार दो भूमाफियों ने आधी रात को चारागाह की सुरक्षित भूमि में दो छतें डाल ली क्या उसी प्रक्रिया में सभी भूमाफिया छत डाल देंगें ? आखिर चारागाह की सुरक्षित भूमि में भूमाफियों से कब तक अवैध खेती करवायेंगे सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी? इन प्रश्नो का उत्तर मिलना मुश्किल सा लग रहा है।

नायब तहसीलदार की आख्या प्रश्नचिन्ह के घेरे में
चारागाह की सुरक्षित भूमि में हुए अवैध कब्जों व हो रही अवैध खेती की जांच करने अभी हाल ही में टीम सहित नायब तहसीलदार तरुण सिंह मौके पर गए किंतु उन्हें चारागाह कि सुरक्षित भूम में लहलहा रही गेहूं की अवैध फसल नहीं दिखी। अपनी आख्या में उन्होंने चारागाह की सुरक्षित भूमि में हो रहे अवैध निर्माणों के संबंध में कथित कार्यवाही का दावा तो किया लेकिन अवैध ढंग से कब्जा करके की जा रही गेहूं और आलू की खेती का कही भी जिक्र तक नही किया जोकि पूर्णतः न्यायसंगत नही है और इस कार्यप्रणाली से सिर्फ भूमाफियों को बचाने के प्रयास किया जा रहा है जो कि भ्रष्ट कार्यशैली का साक्षात प्रमाण है
क्या बोले तहसीलदार सलोन
वहीं जब इस वहीं जब इस बाबत तहसीलदार सलोन अजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम सभा मटका में चरागाह की सुरक्षित भूमि में अवैध कब्जे कि शिकायत संज्ञान में है जिन भूमाफियों ने चारागाह की सुरक्षित भूमि में अवैध गेहूं की फसल काट ली या काट रहे हैं उन सभी पर जुर्माना लगाकर वसूली की जायेगी।तथा भूमाफियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही भी की जायेगी

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