Navsatta
मुख्य समाचारस्वास्थ्य

निर्माता कंपनी ने माना, कुछ मामलों में कोेवीशील्ड से हो सकता है हार्ट अटैक- ब्रेन स्ट्रोक!

केरोना से बचाव के लिए तैयार टीके की भारत में लग चुकी है 1.7 अरब से अधिक डोज

संवाददाता
नई दिल्ली,नवसत्ता। कोराना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को दुनियाभर में लोगों को दिया गया था। विशेष रूप से भारत में उसकी वैक्सीन कोविशील्ड का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। अब सामने आया है कि इसे लेने वालों को घातक दुष्प्रभाव हो रहे हैं। इस वैक्सीन से टीटीएस सिंड्रोम होने की बात सामने आई है। कुछ मामलांे में टीका लगाने वालों को ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक का सामना करना पड़ सकता है।

भारत में वैक्सीन की एंट्री

पुणे स्थित फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत और कुछ दूसरे गरीब देशों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माण के लिए जनवरी 2021 में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ डील की। सीरम इंस्टीट्यूट का नाम एलेक्ट्रोरल बांड विवाद में भी आया था। इस साझेदारी के तहत सीरम को भारत और विश्व स्तर पर भारी मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन का कोविशील्ड के नाम से उत्पादन करने की अनुमति मिली। कोविशील्ड बनने के बाद भारत में इसके वितरण को भारत सरकार और राज्य सरकारों के सहयोग से सुविधाजनक बनाया गया और लोगों तक टीका पहुंचाया गया।

भारत में 2022 तक दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कोविशील्ड की 1.7 अरब से अधिक खुराकें दी गईं। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के सरल भंडारण और व्यापक उपलब्धता ने भारत और दुनियाभर में टीकाकरण अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत में बड़ी तादाद में आम लोगों तक वैक्सीन पहुंचाई गई।

कोविशील्ड जिस तेजी से तैयार की गई थी, उस पर वैज्ञानिक समुदाय में तभी सवाल उठने लगे थे। इसके बाद इस बात को लेकर जांच शुरू हुई कि टीका अपने काम में सुरक्षित भी या नहीं। हार्ट अटैक की घटनाओं के लिए भी वैक्सीन को सवालों के घेरे में लाया गया। अब करीब चार सयाल बाद कंपनी ने स्वीकार किया है कि कुछ मामलांे में टीका लगाने वालों को ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक का सामना करना पड़ सकता है।


मेडिकल जगत के एक्सपर्ट ने जो सवाल इस वैक्सीन पर उठाए थे, उनको अब मजबूती मिली है। एस्ट्राजेनेका के बारे में दावा किया गया है कि इस वैक्सीन से कुछ मौतें हुई और बहुत लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने भी माना है कि उनकी वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ब्रिटिश हाइकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने स्वीकार किया कि उनकी वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) हो सकता है। भारत में भी बड़ी संख्या में इस वैक्सीन को कोविड आने के बाद लोगों को दिया गया था।

 

संबंधित पोस्ट

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की गोली मारकर हत्या

navsatta

डोरंडा कोषागार मामला: चारा घोटाले के एक और केस में लालू यादव दोषी करार

navsatta

भाजपा की डबल इंजन सरकार बंगाल में नया राजनीतिक माहौल तैयार करेगी: मोदी

navsatta

Leave a Comment