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नई दिल्ली,(नवसत्ता ):-मधुमिता हत्याकांड में 20 साल से सजा भुगत रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। जेल प्रशासन विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर सुनवाई करते हुए अमरमणि और मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसके लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया है।
बहुचर्चित मधुमिता हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काटने वाले अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि 20 साल बाद जेल से बाहर आने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन विभाग ने रिहाई का आदेश जारी किया है। राज्यपाल की अनुमति से यूपी के कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। वर्तमान में दोनों गोरखपुर जेल में बंद हैं। बांड भरने के बाद वे जेल से बाहर आएंगे।
अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि की रिहाई के खिलाफ मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि और मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसके लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया है। निधि शुक्ला ने अमरमणि और उसकी पत्नी की रिहाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अमरमणि जेल से बाहर आता है तो उनकी जान को खतरा होगा।
क्या है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड?
9 मई 2003 को कवियत्रि मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। उनका शव लखनऊ के निशातगंज इलाके में उनके घर पर पाया गया था। 24 साल की मधुमिता कथित तौर पर त्रिपाठी की प्रेमिका थीं। अमरमणि त्रिपाठी यूपी सरकार में मंत्री भी बने थे। वह चार बार विधायक रहे थे। उनका काफी प्रभाव था। मधुमिता के परिवार को डर था कि त्रिपाठी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लखनऊ से देहरादून ट्रांसफर कर दिया था। हत्या के वक्त मधुमिता गर्भवती थीं। कहा जाता है कि वह अमरमणि के बच्चे की मां बनने वाली थी। सीबीआई द्वारा फोरेंसिक जांच में इसकी पुष्टी हुई थी।
आपको बता दें कि कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या में नाम आने के बाद अमरमणि त्रिपाठी का राजनीतिक करियर खत्म हो गया था। मधुमिता शुक्ला के परिजनों को लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद तब इंसाफ मिला जब अदालत ने अमरमणि और उसकी पत्नी को उम्र कैद की सजा सुनाई। दोनो फिलहाल गोरखपुर जेल में बंद हैं और अपनी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं।