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प्रबंधक रामकली बालिका इंटर कॉलेज के प्रत्यावेदन को किया निरस्त

सुल्तानपुर, (नवसत्ता) :माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में योजित रिट प्रबंधक रामकली बालिका इंटर कॉलेज सुल्तानपुर बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांक 17.05. 2023 के अनुपालन में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव ने कालातीत प्रबंधक रामकली बालिका इंटर कॉलेज, सुल्तानपुर के प्रत्यावेदन को निरस्त करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि कर दी। डॉ महेंद्र देव, शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने दिनांक 11.07.2023 को अपने कक्ष में याचिनी प्रबंधक, रामकली बालिका इंटर कॉलेज, सुल्तानपुर, शिकायतकर्ता सुरेश प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, सुल्तानपुर और मंडलीय शिक्षा निदेशक,अयोध्या के साथ बैठक आहूत की थी। बैठक में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश की समीक्षा में लिखा कि रामकली बालिका इंटर कॉलेज के प्रबंधक द्वारा विद्यालय के नाम पर दर्ज भवनों को स्वहित में प्रयोग किया गया है।

मान्यता प्राप्ति के समय से ही विद्यालय की भूमि पर जो दुकानें बनी थी उन दुकानो का किराया और धरोहर राशि को प्रबंधक ने विद्यालय कोष में जमा न कर अपने हित में प्रयोग किया जो अत्यंत गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। प्रबंधक ने रामकली बालिका इंटर कॉलेज की भूमि का भी दुरुपयोग करते हुए कूट रचित अभिलेखों के आधार पर पर अजय पब्लिक स्कूल की मान्यता लेकर संचालित किया जो विभागीय नियमों का उल्लंघन है।

स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग, प्रयागराज के द्वारा की गई आडिट के अंतर्गत प्रबंधक ने लगभग 25 लाख की धनराशि को विद्यालय के खाते में जमा न कर गबन कर लिया। कालातीत प्रबंधक का यह कृत्य उत्तर प्रदेश शैक्षिक संस्थाएं अधिनियम 1974 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। शिकायतकर्ता सुरेश प्रताप सिंह इस आदेश के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शासन को प्रबंधक, रामकली बालिका इंटर कॉलेज सुल्तानपुर से दुकान के किराए की लगभग पच्चीस लाख रुपए की वसूली भू राजस्व के माध्यम से करनी चाहिए साथ ही साथ संस्था के हित को ध्यान में रखते हुए 16 डी की कार्यवाही की जानी चाहिए।

मुझे दुख होता है कि समाज में सेवा के उद्देश्य से शिक्षा के मंदिर स्थापित किए गए थे और शिक्षा के मंदिर उसी स्वप्न पर खरे उतर रहे थे। लेकिन आज समाज में धन के ऐसे भूखे लोग आ गए हैं जो शिक्षण संस्था को अपनी आय का मुख्य साधन बना लिए। उसके लिए चाहे विद्यालय के भवनों को बेचना पड़े। चाहे विद्यालयों को टुकड़ों में बांट कर अन्य प्राइवेट विद्यालय संचालित करना पड़े। मैं संस्था में हो रहे भ्रष्टाचार का विरोध करता हूं और शिक्षा निदेशक से पूरी उम्मीद है जो भी निर्णय उनके द्वारा लिया गया है वह संस्थान के हित में है और मैं उनके निर्णय से पूरी तरह सहमत हूं। कालातीत प्रबंधक, रामकली बालिका इंटर कॉलेज से संपर्क करने पर संपर्क नहीं हो पाया।

 

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