नई दिल्ली,नवसत्ताः भारत ने आज शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से बाहुबली रॉकेट एलवीएम3-एम4 से इसे स्पेस में भेजा गया है। इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिशन कंट्रोल रूम में हैं।
आप को बता दें कि चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी।
चौथा देश बन जाएगा भारत
आने वाले समय में अगर यह मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सक्सेसफुली उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। चीन 2013 में चांग’ई-3 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला एकमात्र देश है।
14 जुलाई 2023 सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगी
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले पीएम मोदी ने मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं। भारत के स्पेस सेक्टर में 14 जुलाई 2023 की तारीख हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगी। हमारा तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं!