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दो वर्ष बाद रथयात्रा पर निकले भगवान जगन्नाथ

मथुरा,नवसत्ता: कोरोना महामारी के कारण एहतियातन 2 वर्ष तक रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी गई थी जिससे भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं मिले थे और इसी महामारी काल में मात्र परंपरा निभाते हुए मंदिर परिसर में ही आयोजन किए गए लेकिन दो वर्ष बाद भगवान जगन्नाथ जी बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलदाऊ जी के साथ रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर को निकले और भक्तों ने भगवान श्रद्धाभाव से दर्शन किये.

वृंदावन में 500 वर्ष पुराना परिक्रमा मार्ग स्थित स्थान जहां जगन्नाथ मंदिर में छप्पन भोग के उपरांत भगवान जगन्नाथ भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम का रथ नगर भ्रमण को निकला. वृंदावन में जगन्नाथ मंदिर के अलावा प्राचीन मंदिरों से सप्त देवालयों में शामिल गोविंद देव, गोपीनाथ, मदन मोहन, पागल बाबा सहित अन्य मंदिरों से भी रथ यात्रा निकाली गई.

पूरे विश्व में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का श्रेय इस्कॉन व उनके संस्थापक श्रील प्रभुपाद को जाता है और इसी क्रम में रथयात्रा उत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाने के लिए इस्कॉन वृंदावन मंदिर भी पीछे नहीं रहा. उन्होंने रथयात्रा को मथुरा में मनाने का निर्णय लिया जिसके लिए रथ को सजाया संवारा व भक्तों द्वारा भगवान की पोशाक तैयार की गई. कृष्ण नगरी मथुरा स्थित मुकुंद विहार पर सुबह 8 बजे से भक्तों का शुरू हो गया.

तत्पश्चात 9 बजे भगवान जगन्नाथ का आगमन हुआ. अपने भगवान के दर्शन कर सभी भक्त भावविभोर हो गये. जहां भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलभद्र के साथ रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकलने से पहले छप्पन भोग व महाआरती की गई उसके बाद सभी भक्तों द्वारा भगवान का रथ रस्सी द्वारा अपने हाथों से खींचकर पुण्यलाभ कमाया. भगवान का रथ मिलन तिराहा, चौक बाजार, होली गेट, विकास बाजार, संग्रहालय, जंक्शन रोड होते हुए मुकुंद विहार पहुंचा. इसी सभी मार्गों पर भक्तों का हुजूम अपने भगवान के दर्शनों को उमड़ पड़ा.

रथयात्रा के साथ लगातार संकीर्तन गुंजायमान हो रहा था साथ ही रथ आने से पूर्व भक्त अपने भगवान के स्वागत के लिए सड़क पर रांगोली भी बना रहे थे. इन सभी मार्गों पर रथयात्रा को सुगम व भक्तों को दर्शन लाभ मिल सके उसके लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन का सहयोग सराहनीय रहा. यात्रा के अंत में सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया.

इसी क्रम में श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से भी भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली गई. जगन्नाथ रथ यात्रा शाम 5 बजे श्री कृष्ण जन्मस्थान से शुरू होकर नगर के डीग गेट, मंडी रामदास, चौक बाजार, स्वामी घाट, छत्ता बाजार, होली गेट, कोतवाली रोड, भरतपुर गेट होते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान पर पहुंची.

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