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बेतुके बयानों से कांग्रेस की लुटिया डुबाने में जुटे आचार्य प्रमोद कृष्णम उर्फ प्रमोद त्यागी

नीरज श्रीवास्तव
लखनऊ,नवसत्ता: उत्तर प्रदेश कांग्रेस में संत का चोला पहन कर राजनीति करने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम उर्फ प्रमोद त्यागी अपने बेतुके बयानों से अब कांग्रेस की ही लुटिया डुबाने में लग गये हैं. महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच उनके उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने में देर न करने के बयान से कांग्रेस ने भले ही दूरी बना ली हो परन्तु आये दिन पार्टी के समक्ष परेशानी खड़ी कर रहे इस नेता पर अब तक कार्रवाई न होना इस बात का साफ संकेत है कि पार्टी में शीर्ष स्तर पर सब कुछ सामान्य नहीं है.

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम हाल ही में उस समय चर्चा में आये जब उदयपुर में हुए पार्टी के चिंतन शिविर में उन्होंने प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि दो साल से राहुल गांधी को मनाने की कोशिश की जा रही है. अगर वह तैयार नहीं हैं, तो प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.

उनके इसी बयान को लेकर पार्टी के अंदर ही लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं. हालांकि जिस समय आचार्य प्रमोद ये बातें कह रहे थे उस समय मंच पर प्रियंका और सोनिया गांधी भी मौजूद थीं. उनके इस बयान पर प्रियंका गांधी ने आपत्ति भी जतायी थी.

इस विवादित बयान के अगले ही दिन दीपेन्द्र हुड्डा के साथ अयोध्या पहुंचे आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ताजमहल और कुतुब मीनार को लेकर जारी विवाद पर कहा था कि ये भारत सरकार के अधीन है, इसलिए इसे हिन्दुओं को सौंप देना चाहिए. कांग्रेस में इस बात को लेकर भी नाराजगी बढ़ती जा रही है कि इस तरह के पार्टी विरोधी बयानों के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है और शीर्ष स्तर पर कौन नेता उन्हें संरक्षण दे रहा है.

उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद के बयान से पार्टी ने बनाई दूरी

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच कल कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने में देर न करने की बात कही, जिससे कांग्रेस अब दूरी बना रही है. पार्टी ने साफ कर दिया है यह कांग्रेस के विचार नहीं हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए कहा है, ना तो यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं, ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के इस ट्वीट पर आचार्य प्रमोद कृष्णम के दोबारा ट्वीट किया और लिखा कि अधिकृत तो ‘टेम्प्रेरी’ होता है प्रभु, मैं तो ‘परमानेंट’ हूं, फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो जयराम जी की. वहीं इस कमेंट पर सोशल मीडिया पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं.

विवादों से पुराना नाता रहा है प्रमोद कृष्णम का

हमेशा अपने बेतुके बयान को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले ड्रामा किंग आचार्य प्रमोद कृष्णम का ये कोई पहला बयान नहीं है जो विवादित हो. इसके पहले भी बेतुके बयान से चर्चा में बने रहे हैं. आपको बता दें 2019 लोकसभा चुनाव में लखनऊ के संसदीय क्षेत्र से स्वघोषित बाबा प्रमोद कृष्णम चुनाव लड़ चुके हैं और बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था.

प्रमोद कृष्णम को कुछ साल पहले तक पश्चिमी यूपी के एक छोटे से इलाके में प्रमोद कुमार त्यागी के नाम से जाना जाता था. तब वो कांग्रेस पार्टी का एक छुटभैया नेता हुआ करते थे.

जब राजनीति में कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने बाबा का चोला पहन लिया. प्रमोद कृष्णम उर्फ प्रमोद कुमार त्यागी ने संभल में कल्कि के नाम से आश्रम खोल रखा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रमोद कृष्णम को यूपी की संभल सीट से कांग्रेस ने टिकट भी दे दिया लेकिन वो पांचवें नंबर आए.

हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ उनका ट्विट काफी चर्चा में रहा है. राज्यसभा चुनाव के दौरान उनके पार्टी पर वामपंथियों के कब्जे वाले बयान को लेकर भी पार्टी के कई नेता हैरानी जता चुके हैं. अभी उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जो नाम चर्चा में है उसमें एक नाम इनका भी है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आये दिन पार्टी के समक्ष परेशानी खड़ी कर रहे इस नेता को आखिर कांग्रेस का कौन बड़ा नेता संरक्षण दे रहा है.

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