नई दिल्ली,नवसत्ता: भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल को लेकर सौदा तय हो गया है. दोनों देशों ने करीब 37.49 करोड़ डॉलर (27.89 अरब रुपये) की डील साइन की है. ये समझौता मिसाइल बनाने वाली कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया. फिलीपींस अपनी नौसेना के लिए भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीद रहा है. इस खास मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारी मौजूद रहे, जबकि भारत का प्रतिनिधित्व उसके राजदूत ने किया. फिलीपींस अपने तट पर तैनात होने वाली जहाज रोधी मिसाइलों की आपूर्ति के लिए ये खरीद कर रहा है.
उसका बीते कुछ महीनों से चीन के साथ जलक्षेत्र को लेकर काफी तनाव बढ़ गया है. जिस जलक्षेत्र को फिलीपींस अपना बताता है, वहां कई महीनों से चीनी जहाज डेरा डाले बैठे हैं. फिलीपींस की तमाम कोशिशों के बाद भी वो जाने तैयार नहीं हैं. ऐसे में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल लेकर वो अपनी नौसेना को अधिक मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. ये एक ऐसा सौदा है, जिससे दक्षिण चीन सागर में दादागिरी दिखा रहे चीन को झटका जरूर लगेगा. ब्रह्मोस एक ऐसी मिसाइल है, जिससे चीन जैसा देश भी काफी खौफ खाता है.
ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत क्या है?
ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल 350 से 400 किलोमीटर तक प्रहार कर सकती है. मतलब कि इतनी दूरी पर खड़े दुश्मन का इससे काम तमाम किया जा सकता है. मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना गति से दागी जा सकती है. इसका हाल ही में एक नया वर्जन भी टेस्ट किया गया था. 20 जनवरी को ओडिशा के तट पर किया गया ये परीक्षण सफल रहा. तकनीकी लिहाज से मिसाइल नई खूबियों से लैस है. ब्रह्मोस की खासियत यह है कि इसे पनडुब्बी, युद्धपोत, प्लेन या जमीन पर स्थित प्लेटफॉर्म कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है.
ब्रह्मोस का मतलब क्या है?
ब्रह्मोस में ब्रह्म का मतलब है ‘ब्रह्मपुत्र’ है, जबकि रूशह्य का मतलब ‘मोस्कवा’. मोस्कवा रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है. इस मिसाइल की गिनती 21वीं सदी की सबसे घातक और खतरनाक मिसाइलों में होती है. ये आसानी से दुश्मन के रडार से बच सकती है. इस मिसाइल की सटीकता ही इसे बाकी हथियारों से अलग दिखाती है.