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कोरोना टीकाकरण ने देश में रचा इतिहास, आंकड़ा 100 करोड़ के पार

प्रधानमंत्री ने किया 806 बेड वाले विश्राम सदन का उद्घाटन, कहा-आज बड़ा दिन

नई दिल्ली,नवसत्ता : आज भारत देश के लिए बहुत बड़ा दिन है क्योंकि आज जहां इंडिया ने 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण के जादुई आंकड़े को पार कर लिया है तो वहीं आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को एक शानदार सौगात भी मिली है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एम्स के झज्जर परिसर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में इंफोसिस फाउंडेशन विश्राम सदन का उद्घाटन किया है. इस सदन में 806 बेड हैं, जिनका निर्माण इंफोसिस फाउंडेशन ने निगमित सामाजिक दायित्व के तहत किया है.

इस विश्राम सदन को बनाने में लगभग 93 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये सदन अस्पताल के पास स्थित है. इस सदन का उद्देश्य कैंसर रोगियों या गंभीर रोगों से पीडि़त मरीजों के परिवार वालों या देखभाल करने वालों की मदद करना है, जिन्हें कि मरीज की देखभाल के लिए लंबे वक्त तक अस्पताल में रहना पड़ता है.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने राम मनोहर लोहिया अस्पताल की विजिट के दौरान डॉक्टरों और फ्रंट लाइन वर्कर्स से मुलाकात की. 10 महीने पहले कोरोना योद्धाओं के समर्पण और सरकार की प्रतिबद्धता सजगता के दम पर 16 जनवरी 2021 को कोरोना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू हुई थी.

भारत सरकार के बयान के मुताबिक अब तक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 103.5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी की जा चुकी हैं. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास 10.85 करोड़ से ज्यादा शेष और अप्रयुक्त वैक्सीन खुराक अभी भी उपलब्ध हैं. देश में कोविड-19 वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी.

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, हमारे डॉक्टरों, नर्सों और उन सभी को धन्यवाद जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम किया. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है. भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा पार कर लिया है. 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का मुकाबला करने के लिए देश के पास अब 100 करोड़ वैक्सीन डोज का मजबूत सुरक्षा कवच है. ये उपलब्धि भारत और भारत के प्रत्येक नागरिक की है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह के मुताबिक भारत का ये माइलस्टोन बहुत खास है, क्योंकि भारत ने अपने देश की जनता के साथ दुनिया के और देशों को भी वैक्सीन की करोड़ों डोज़ दी हैं. डब्ल्यूएचओ भारत को इस कामयाबी के लिए बहुत बधाई देता है. वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े देशों जिनका हेल्थकेयर सिस्टम बहुत अच्छा है, उनसे भी बेहतर तरीके से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने देशभर में व्यापक रूप से वैक्सीनेशन किया. आज 100 करोड़ वैक्सीनेशन का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव पार हुआ है.

भारत ने सिर्फ 10 महीने में असंभव को संभव कर दिया. करीब 130 करोड़ की आबादी में कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ वैक्सीनेशन का डोज का आंकड़ा देश के लिए बेहतरीन उपलब्धि है. भारत की इस कामयाबी ने दुनिया को चौंका दिया है. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के पीछे आम से लेकर खास, हर हिंदुस्तानी का अहम रोल है. वैज्ञानिकों, वैक्सीन कंपनियों, डॉक्टर, हेल्थकेयर वर्कर्स ने कड़ी मेहनत की है तो दूसरी ओर सरकार की स्पष्ट नीति, साफ नीयत और सजगता का रिजल्ट सबके सामने हैं. इस सबकी बदौलत हिंदुस्तान ने वो कर दिखाया है, जिसके बारे में बाकी देश कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

सरकार ने वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 900 करोड़ रुपये का कोविड सुरक्षा मिशन शुरू किया था. जिस दौरान वैक्सीन बनाने का काम चल रहा था, उसी समय वैक्सीन को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के मिशन पर भी काम शुरू कर दिया गया था.

देश के वैज्ञानिक भरोसे पर खरे उतरे और टीका तैयार हो गया. 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई. लेकिन उसके साथ ही वैक्सीन की सुरक्षा और असर को लेकर आशंकाएं उठना भी शुरू हो गई. सरकार ने हर आशंका, हर सवाल का जवाब दिया, लोगों को जागरूक किया और स्टेप बाई स्टेप काम करती रही. जब वैक्सीन की सुरक्षा और असर पर सवाल खत्म हो गए तो वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन पर उंगली उठाई गई. लेकिन थोड़े ही वक्त में सवाल उठाने वाली राज्य सरकारों को अहसास हो गया कि ये काम बहुत मुश्किल है.

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