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रायबरेली के डीएम ने किया तिरंगे का अपमान!

राष्ट्रीय शोक नहीं फिर भी अंतिम संस्कार में किया तिरंगे का इस्तेमाल

नीरज श्रीवास्तव
रायबरेली,नवसत्ताः अपने पद के अहंकार में अक्सर अधिकारी स्वयं को कानून व संविधान के ऊपर समझने लगते हैं। ऐसा ही एक वाकया यहां हुआ है जिसमें जिलाधिकारी ने राष्ट्रध्वज का अपमान कर दिया। इस बारे में नवसत्ता ने जिलाधिकारी से कई बार बात करने का प्रयास किया परन्तु डीएम के स्टाफ का कहना था कि साहब अभी बिजी हैं आप से बात करवा दूंगा।

दरअसल आज उपजिलाधिकारी सदर अंशिका दीक्षित की नानी सरोजनी अवस्थी का निधन हो गया। परिजनों के मुताबिक वे स्वतंत्रतता संग्राम सेनानी थीं। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बकायदा तिरंगा ले जाकर उपजिलाधिकारी व उनके परिजनों को सौंपा।

एसडीएम सदर की नानी को तिरंगे में अंतिम विदाई दी गई। जानकारों के मुताबिक जिलाधिकारी द्वारा ऐसा ऐसा नहीं किया जाना चाहिये था। देश में कुछ परिस्थितियों में ही मृत शरीर को राष्ट्रीय ध्वज से ढका जा सकता है और उसके भी खास नियम होते हैं।


किन लोगों के मृत शरीर पर रख सकते हैं तिरंगा?

भारतीय दंड संहिता 2002 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे को आम तौर पर किए जाने वाले अंतिम संस्कारों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। नियमों के अनुसार, झंडे को मृत शरीर के साथ ही किसी भी चीज के लपेटने में इस्तेमाल में नहीं लिया जा सकता। दरअसल, सिर्फ उन लोगों के निधन पर ही राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल मृतक के शरीर पर किया जा सकता है, जब उन्हें राष्ट्रीय शोक दिया जा रहा हो। जैसे- एक शहीद के अंतिम संस्कार में तिरंगे का इस्तेमाल किया जाता है या फिर किसी राजनेता के निधन पर भी ऐसा किया जाता है।

कैसे करना होगा इस्तेमाल?

अगर किसी व्यक्ति के मृत शरीर पर तिरंगे का इस्तेमाल किया जाता है तो उसके लिए भी खास नियम है. इन नियमों का पालन करते हुए तिरंगे का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान तिरंगे को शव पर रखने का खास तरीका होता है। ऐसे में तिरंगे के केसरिया रंग को सिर की तरफ और हरा रंग पैर की तरफ रखना होता है। इस स्थिति में झंडे को सीधा नहीं रखा जाता है, जिसमें केसरिया और हरा रंग दाईं या बाईं तरफ हो। यानी तिरंगा सीधा ही इस्तेमाल करना होगा। साथ ही झंडे को ना जलाया जाता है और ना ही दफनाया जाता हैं। अंतिम संस्कार से पहले इसे मृतक के घर वालों को दे दिया जाता है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिए क्या है नियम

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और विंध्याचल के मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के शव को तिरंगे में लपेटने का प्रावधान नहीं है। हां जिलाधिकारी को पुष्प अर्पित करने व पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने का नियम है। इस बारे में खबर लिखे जाने तक जिलाधिकारी की ओर से फोन नहीं आया जिससे उनका पक्ष नहीं आ सका है।

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