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महिला सांसदों से धक्का-मुक्की मामले में विजय चौक पर विपक्ष एकजुट

‘जासूसी बंद करो’, ‘काले कानून वापस लो’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए

नई दिल्ली,नवसत्ता : संसद का मानसून सत्र खत्म हो गया है लेकिन विपक्षियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। हालांकि सरकार ने उनके आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ‘सत्य से परे’ है।

दिल्ली के विजय चौक पर विपक्षी नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बाबत कहा ‘आज हमें आपसे (मीडिया) बात करने के लिए यहां आना पड़ा क्योंकि हमें (विपक्ष) संसद में बोलने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है।’ राहुल ने कहा, ‘संसद का सत्र समाप्त हो गया है। जहां तक देश के 60 प्रतिशत हिस्से का सवाल है उसके संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है। 60 प्रतिशत देश की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया।’ साथ ही विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी मामला, केंद्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर विजय चौक तक मार्च निकाला और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

शिवसेना के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि विपक्ष को संसद में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला। महिला सांसदों के खिलाफ कल की घटना लोकतंत्र के खिलाफ थी। ऐसा लगा जैसे हम पाकिस्तान सीमा पर खड़े हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी संसद भवन परिसर में कहा कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो।

बता दें कि विपक्षी नेताओं की बैठक में खडग़े, राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं। बैनर पर ‘हम किसान विरोधी काले कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं’ लिखा हुआ था। विपक्षी नेताओं ने ‘जासूसी बंद करो’, ‘काले कानून वापस लो’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे भी लगाए।

उधर, राज्यसभा में कल की घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, एमए नकवी, पीयूष गोयल आज राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मिलेंगे। गौरतलब है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने बुधवार को आरोप लगाया कि सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। हालांकि सरकार ने उनके आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ‘सत्य से परे’ है। खडग़े ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विपक्ष के सदस्य जब विरोध प्रदर्शन के लिए आसन के निकट जाते हैं तो पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मियों का एक घेरा बना दिया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘हमारी महिला सदस्य आ रही हैं, घेरा बना लिया जा रहा है, धक्कामुक्की की जा रही है, महिला सदस्यों का अपमान हो रहा है, महिला सांसद सुरक्षित नहीं हैं, यह संसद और लोकतंत्र का अपमान है।’ इसके बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने खडग़े के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह ‘सत्य से परे’ हैं। उन्होंने पलटकर आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों ने महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की की है।

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