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खुशी दुबे को आगे कर ब्राह्मण उत्पीड़न का मुद्दा उठाया बसपा ने

अयोध्या में सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा, राम सबके,  ब्राह्मणों
को परेशान कर रही है सरकार

नीरज श्रीवास्तव
लखनऊ,नवसत्ता: विधानसभा चुनाव से पूर्व बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए उनके उत्पीड़न का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। अयोध्या पहुंचकर पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने एक ओर भगवान राम के दर्शन किये और कहा कि राम सबके हैं वहीं खुशी दुबे की कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कह कर ब्राह्मण वोट बैंक को रिझाने की कोशिश की है।
मौजूदा सरकार पर ब्राह्मणों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए सतीश चन्द्र मिश्र ने ब्राह्मण विचार संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों के उत्पीड़न का मुद्दा उठायेगी। इसी के साथ उन्होंने नाबालिग खुशी दुबे को बेकसूर बताते हुए कहा कि इस सरकार ने उसे बाराबंकी के जिस संरक्षण गृह में बंदी बना रखा है वह मात्र दो कमरे का है और उसमें 48 लड़कियों को रखा गया है। पार्टी खुशी दुबे की कानूनी लड़ाई लड़ उसे इंसाफ दिलायेगी। श्री मिश्र ने कहा कि 13 फीसद ब्राह्मण और 23 फीसद दलित अगर मिल गये तो प्रदेश में बसपा की सरकार को बनने से कोई रोक नहीं सकता।

कौन है खुशी दुबे
बीते जुलाई 2020 में हुए बिकरू काण्ड के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कई एंकाउटर किये। बिकास दुबे का दाहिना हाथ रहा अमर दुबे को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया। एंकाउटर के नौ दिन पहले ही उसकी शादी खुशी दुबे से हुई थी। पुलिस ने खुशी दुबे को भी बिकरू हत्याकाण्ड का साजिशकर्ता बता 17 धाराओं का आरोपी बना जेल भेज दिया। जबकि बिकरू काण्ड से दो दिन पहले ही वो विदा होकर ससुराल आयी थी। बाद में जब मार्कसीट के जरिये खुशी की उम्र मात्र 16 साल ही प्रमाणित हुई तो उसे बाराबंकी के संरक्षण गृह में रखा गया है जहां वह एक साल से बंद है।

खुशी के माता पिता के घाव आज भी ताजे हैं। खुशी की मां गायत्री तिवारी का कहना है कि मेरी बेटी निर्दोष है। इसके बावजूद वो सजा काट रही है। पुलिस ने खुशी के साथ न्याय नहीं किया। अब अदालत पर ही भरोसा है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि सत्य की जीत होगी। बस इसमें देरी हो सकती है। पुलिस ने ऐसा क्यों किया इस सवाल का जवाब मुझे नहीं मिला। खुशी को रिहा कराने की कोशिश लगातार जारी है। खुशी के साथ हुए अन्याय को लेकर ब्राह्मणों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी है। बसपा इसी नाराजगी को भुनाना चाहती है,यही कारण है कि उसने आज से ब्राह्मणों के सम्मेलन की शुरूआत अयोघ्या से की है। इसके पश्चात इन 24-25 जुलाई को अंबेडकरनगर, 26 जुलाई को प्रयागराज, 27 जुलाई को कौशांबी, 28 जुलाई को प्रतापगढ़, 29 जुलाई को सुल्तानपुर में बसपा ब्राह्मण विचार संगोष्ठी आयोजित करेगी।

बसपा के राम
बहुजन समाज पार्टी अभी तक भले ही धर्म की राजनीति न करती रही हो परन्तु भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए उसने भी भगवान राम पर दावा ठोंक दिया है। आज के ब्राह्मण सम्मेलन के लिए लगे पोस्टरों में जन्म भूमि स्थल और भगवान राम के प्रस्तावित मंदिर के चित्र का भरपूर उपयोग किया गया है।

पार्टी ने अपने मिशन 2022 के अभियान की शुरूआत अयोध्या से कर राम भक्तों को रिझाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि राम सबके हैं। सतीश चन्द्र मिश्र ने सपरिवार हनुमान गढ़ी के भी दर्शन किये।

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