आजमगढ़, नवसत्ता : ज़िले में पचास से अधिक शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के रडार पर हैं। फ़र्ज़ी दस्तावेजों पर नौकरी हासिल करने वाले इन शिक्षकों की कुंडली विभाग ने छान मारी है।
वर्ष 2018 में शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे जब नौकरी करने वाले अध्यापकों का मामला सामने आना शुरू हुआ तो सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंप दी। एसटीएफ ने जांच शुरू की जिसमें तीन शिक्षक को पकड़ा। इसके साथ एसआईटी व जिला सर्तकर्ता समिति जांच में अब तक कुल 50 शिक्षक फर्जी पाये गये है। जांच जैसे-जैसे तेज होती जा रही है, एक-एक कर शिक्षक पकड़े जा रहे है। जिनके खिलाफ बर्खास्तगी के साथ विभाग मुकदमा भी दर्ज करा रहा है। अब तक कई शिक्षकों को पुलिस ने जेल भी भेज दिया है। बावजूद फर्जी शिक्षकों के मिलने का क्रम जारी है।
न्यूज़ 18 की खबर के मुताबिक बीएसए अंबरीष कुमार का कहना है कि किसी भी फर्जी शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा। अभिलेखों के सत्यापन में फर्जी मिले शिक्षकों की सेवा समाप्ति और उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की कार्रवाई जारी है। जनपद से जुड़े हुए पूरे प्रदेश में किसी भी जिले में डबल पैन या सर्टिफिकेट का मामला है, उसकी गहनता से जांच कराई जा रही है। बीएसए के मुताबिक मुकदमा दर्ज कराने के बाद फर्जी शिक्षकों से उनके आहरित वेतन की रिकवरी को लेकर भी वित्त लेखाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शिक्षा क्षेत्र मार्टीनगंज व हरैया के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात रहे दो और शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश पारित कर दिया गया है। उधर, फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब तक 50 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं 48 पर मुकदमा हो चुका है। दो शिक्षकों पर भी जल्द एफआईआर हो जाएगी। रिकवरी की कार्यवाही भी चल रही है।