अंशुल दीक्षित नामक बंदी ने फायरिंग कर की हत्या
अंशुल दीक्षित भी पुलिस की जवाबी कार्यवाही में मारा गया
बड़ा सवाल जेल में अपराधियों के पास हथियार कैसे पहुंचा
डीजी जेल आनन्द कुमार ने घटना की जांच तथा स्थिति का जायजा लेने के लिये प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार इलाहाबाद रेंज, पी एन पांडे को चित्रकूट जेल भेजा है।
गौरतलब है कि पश्चि्चिम यूपी के कैराना समेत आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 10 साल पहले अन्य मजदूरों के साथ मकान निर्माण में चिनाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था। पानीपत में डकैती से हुई जुर्म की शुरुआत…
जब 2015 में कुख्यात मुकीम काला गैंग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के अलावा हरियाणा और पंजाब में ताबड़तोड़ वारदात कर दहशत पैदा कर दी थी। तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती के साथ सिपाही राहुल ढाका की हत्या और कैराना (शामली) में व्यापारियों से रंगदारी मांगने के बाद यह गैंग पुलिस के रडार पर आ गया। गैंग में 20 से ज्यादा बदमाश हैं, जिनमें कई पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए तो कई अभी जेलों में बंद हैं।
मुकीम काला गैंग ने 15 फरवरी 2015 को सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती की वारदात की थी। उसी दरमियान तीतरो में दो सगे भाइयों की हत्या और सहारनपुर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी थी। बाद में 20 अक्तूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला और उसके शार्प शूटर साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया।
साबिर बाद में बाराबंकी जेल से न्यायालय ले जाते समय पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। इस दौरान मुकीम काला और इसके गिरोह के बदमाशों को कुछ राजनीतिक लोगों का संरक्षण भी मिल रहा था। बाद में 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बन गई।