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प्रदेश के पांच अस्पतालों का होगा कायाकल्प, बजट जारी

  • आधुनिक उपकरणों से लैस होंगे अस्पताल

लखनऊ,नवसत्ताः उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार ने अहम कदम उठाया है। प्रदेश के पांच जिलास्तरीय अस्पतालों का कायाकल्प करने का फैसला किया गया है। इसके लिए वित्तीय स्वीकृत प्रदान कर दी गई है। इस बजट से भवनों की मरम्मत भी होगी। मरीजों की सुविधाओं के लिए जरूरी संसाधन जुटाए जाएंगे। साथ ही आधुनिक उपकरणों से अस्पतालों को लैस किया जाएगा। आज डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग को वित्तीय स्वीकृत प्रदान कर दी गई है। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक को जल्द से जल्द अस्पतालों की व्यवस्था को और सुधार की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा कि मरीजों की सहूलियतों के लिए अस्पतालों में संसाधनों बढ़ाए जा रहे हैं। ताकि मरीजों को बड़े शहरों की तरफ रुख न करना पड़े। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी कम होगा।

उपकरण क्रय किए जाएंगे
डिप्टी सीएम ने कहाकि बजट से रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, ऑपरेशन थिएटर समेत इलाज में इस्तेमाल होने वाले दूसरे उपकरण क्रय किए जाएंगे। भवनों की मरम्मत कराई जाएगी। साफ-सफाई की व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाएगा। इससे मरीजों को संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी।

इन अस्पतालों को मिला बजट
रामपुर के डॉ. बीआर अम्बेडकर जिला चिकित्सालय के लिए 1,86,68,036 रुपये जारी किए गए।
बलरामपुर जिला चिकित्सालय के लिए 1,40,75,980 रुपये की वित्तीय स्वीकृत प्रदान की गई है।
मैनपुरी जिला चिकित्सालय हेतु 1,40,04,885 रुपये जारी किए गए हैं।
बाराबंकी जिला महिला चिकित्सालय हेतु 1,28,79,120 रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुरादाबाद के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के लिए 34,45,860 रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

डिप्टी सीएम ने लंबे समय से गैरहाजिर चार महिला डॉक्टरों को किया बर्खास्त
स्वास्थ्य विभाग में मनमानी पर उतारु डॉक्टरों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शिकंजा कस दिया है। लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे चार महिला डॉक्टरों को डिप्टी सीएम ने बर्खास्त करने की संस्तुति की है। इसके बाद सरकारी आदेशों की अवहेलना करने वाले चारों डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर बिना बताए गायब चल रहे हैं। इन डॉक्टरों ने अपने अधिकारियों को ड्यूटी पर न आने की सूचना तक देना मुनासिब नहीं समझा। अधिकारियों ने पत्राचार भी किया। इसके बावजूद गैरहाजिर डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टरों के रवैए पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टरों की पहचान के बाद लगातार कार्रवाई की जा रही है। बुधवार को डिप्टी सीएम ने चार और डॉक्टरों की बर्खास्त की संस्तुति की है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को आदेश दिया गया है। उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही व अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे डॉक्टर और कर्मचारियों को कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। उनकी समस्याओं को निस्तारण कर रही है। ऐसे में डॉक्टर भी अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करें। चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मियों की जनसामान्य की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

इन पर गिरी गाज
झांसी के मोठ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डॉ. श्वेता त्रिपाठी
गोरखपुर के कम्पियरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डॉ. आफरीन अली
भदोही स्थित औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. ज्योत्सना सिंह
हमीरपुर के राठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. नम्रता कुमार

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