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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा की आग, तीन लोगों की हत्या

इंफाल,(नवसत्ता): देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले तीन महीनों से हिंसा जारी है। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार रात को विष्णुपुर में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और घरों को जला दिया गया। मृतक कथित तौर पर क्वाक्टा इलाके के मैतेई समुदाय से हैं. वहीं कुकी समुदाय के कई घर भी जला दिए गए हैं। दोनों समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान कुकी समुदाय के कई घरों को भी जला दिया गया।

विष्णुपुर पुलिस ने जानकारी दी है कि मैतेई समुदाय के तीन लोग मारे गए हैं। कुकी समुदाय के कई घरों को भी जलाया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ लोग बफर जोन पार कर मैतेई इलाके में आए थे और गोलीबारी की। बफर जोन मैतेई और कुकी आबादी के बीच बनाई गई है। इसकी निगरानी केंद्रीय बलों द्वारा की जा रही है। विष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके में दो किलोमीटर लंबा बफर जोन है। पुलिस बल मौके पर मौजूद है।

प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई थी झड़प

इससे पहले गुरुवार को मणिपुर के विष्णुपुर जिले में मैतेई समुदाय के प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव हुआ था। इसमें 17 लोग घायल हुए थे। इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में कर्फ्यू में ढील दिए जाने पर यह घटना हुई थी। इसके बाद फिर से दिन के दौरान प्रतिबंध लगाया गया। सशस्त्र बलों और मणिपुर पुलिस ने जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाकों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे।

जातीय हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर

बता दें कि मणिपुर तीन महीनो से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद तीन मई को आदिवासी एकता रैली निकाली गई थी। इस दौरान हिंसा शुरू हुई थी। यहां मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष हो रहा है। हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों घरों को जला दिया गया है।

मणिपुर में 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति द्वारा शनिवार को बुलाई गई 24 घंटे की आम हड़ताल से इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और लगभग सभी इलाकों में बाजार व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हड़ताल के दौरान सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे और केवल कुछ निजी वाहन ही चलते दिखे। हड़ताल के कारण स्कूल भी बंद रहे। हालांकि, पहाड़ी जिले हड़ताल से काफी हद तक अप्रभावित रहे। समन्वय समिति ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का आपातकालीन सत्र आहूत करने की मांग को लेकर यह हड़ताल की है।

समिति के संयोजक एल बिनोद ने पहले कहा था कि हड़ताल लोगों की परेशानियों को बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि ‘सरकार पर दबाव’ बनाने के वास्ते है। इस बीच, मणिपुर मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से 21 अगस्त से विधानसभा का सत्र आहूत करने की सिफारिश की। पिछला विधानसभा सत्र मार्च में हुआ था।

 

 

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