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सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक ज्ञानवापी परिसर में एएसआई के सर्वे पर लगायी रोक

नई दिल्ली / नवसत्ता -सुप्रीम कोर्ट ने आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 26 जुलाई तक कोई भी सर्वेक्षण नहीं करने का आदेश दिया और मुस्लिम याचिकाकर्ताओं को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया। मस्जिद प्रबंधन समिति के मुस्लिम याचिकाकर्ताओं द्वारा एक याचिका दायर करने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया, जिसमें मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी कि क्या यह पहले से मौजूद मंदिर पर बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को आदेश दिया कि वह अपना आदेश एएसआई को बताएं, जिसने आज मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण करने के लिए 30 सदस्यीय टीम भेजी थी। जिला जज का आदेश मानते हुए एएसआई की टीम ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी। एएसआई ने सर्वे के लिए चार टीमें बनाई थीं। चारों टीमें अलग अलग जगह पर सर्वे करने पहुंची थीं।

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने कहा कि संरचना के परिसर पर एएसआई सर्वेक्षण के संबंध में जिला अदालत के आदेश पर रोक लगायी जानी चाहिए। ज्ञानवापी समिति ने भारत पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को दिए गए मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने संबंधी वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। ज्ञानवापी समिति ने उच्चतम न्यायालय से वाराणसी की एक अदालत के उस आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया, जिसमें एएसआई को यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर पर किया गया था या नहीं। एएसआई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि मस्जिद स्थल पर उसके द्वारा तोड़-फोड़ का कोई कार्य या खुदाई नहीं की जा रही है।

सॉलिसिटर जनरल ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि एएसआई मस्जिद स्थल पर फोटोग्राफी और रडार इमेजिंग का कार्य कर रहा है, वर्तमान में कोई ‘तोड़फोड़’ या खुदाई नहीं की जा रही। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मस्जिद स्थल पर एक हफ्ते तक कोई खुदाई कार्य न हो, मस्जिद समिति इस बीच उच्च न्यायालय का रुख कर सकती है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को वाराणसी की एक अदालत के उस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी, जिसके तहत एएसआई को यह पता लगाने के लिए परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था कि मस्जिद मंदिर पर बनाई गई थी या नहीं। उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के संबंध में वाराणसी की अदालत का आदेश 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक लागू नहीं किया जाएगा।

वाराणसी जिला अदालत ने क्या फैसला दिया था?

वाराणसी जिला अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सीलबंद क्षेत्र को छोड़कर बैरिकेड वाले क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा सर्वेक्षण की मांग करने वाली एक अर्जी पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले में एएसआई के सर्वे की इजाजत मिल गई थी। विवादित परिसर को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे होने की बात कही गई थी। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे कराने का विरोध किया था। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में चार हिंदू महिला वादी के वकील विष्णु शंकर जैन ने 16 मई को जिला अदालत में आवेदन दायर किया था। बाद में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) ने इस मामले में आपत्ति दर्ज कराई।

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