Navsatta
खास खबरचर्चा मेंदेश

Mann Ki Baat: अमृत महोत्सव के रंग दूसरे देशों में भी देखने को मिले, मन की बात में बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली,नवसत्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात के 92वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने देशवासियों के सामने कई मुद्दे साझा किये.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ”मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार…अगस्त के महीने में आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है जो मेरे लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग इनोवेटिव आइडिया भी निकाले. लोगों के पत्र में केवल तिरंगा नजर आ रहा है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव के ये रंग दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले. बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय सिंगर ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाये. पीएम मोदी ने कहा, आजादी का अमृत महोत्सव अगले साल यानी अगस्त 2023 तक चलेगा. देश के लिए, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए, जो लेखन-आयोजन आदि हम कर रहे थे, हमें उन्हें और आगे बढ़ाना है.

दूरदर्शन के स्वराज प्रोग्राम को देखने की अपील की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अनसुने नायक-नायिकाओं की कहानी है स्वराज. दूरदर्शन पर हर रविवार स्वराज का रात 9 बजे प्रसारण होगा जो 75 सप्ताह तक चलने वाला है. मेरा आग्रह है कि आप इसे खुद भी देखें और अपने बच्चों को भी जरूर दिखाएं.

प्रोजेक्ट सम्पूर्णा का किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के बोंगाई गांव में एक दिलचस्प परियोजना चलायी जा रही है ”प्रोजेक्ट सम्पूर्णा” इस प्रोजेक्ट का मकसद है कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और इस लड़ाई का तरीका भी बहुत यूनिक है. आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है ? मध्य प्रदेश के दतिया जिले में मेरा बच्चा अभियान! इस मेरा बच्चा अभियान में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि कुपोषण से जुड़े इतने सारे अभिनव प्रयोगों के बारे में मैं आपको इसीलिए बता रहा हूं, क्योंकि हम सब को भी, आने वाले महीने में, इस अभियान से जुड़ना है.

मोटे अनाज के कई लाभ हैं इसे अपानाएं

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज दुनिया भर में मोटे अनाज यानी मिलेट्स का चलन बढ़ रहा है. कई लोग तो इसे सुपर फूडनभी बोलते हैं. इसके अनेक लाभ हैं. कुपोषण से लड़ने में भी मोटा अनाज कारगर और लाभदायक हैं. क्योंकि ये प्रोटीन के साथ-साथ एनर्जी से भरे होते हैं. मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं. हमारी संस्कृति की ही तरह मोटे अनाज में भी बहुत विविधताएं पाई जाती हैं. ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुट्टू ये सब मोटे अनाज का ही रूप हैं. भारत, विश्व में Millets का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इनकी पैदावार बहुत कम समय में तैयार हो जाती है.

इसमें ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है. मोटापा कम करने के साथ ही डाइबिटीज, हाईपरटेंशन और दिल की बीमारियों के खतरे को भी मोटा अनाज खाकर कम किया जा सकता है. ये पेट और लीवर की बीमारियों से बचाव में भी मददगार हैं. देश में आज Millets को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है. इससे जुड़ी रिसर्च और नवाचार पर फोकस करने के साथ ही इनका काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि इनका उत्पादन बढ़ाया जा सके. मुझे ये देखकर काफी अच्छा लगता है कि आज कई ऐसे Start-Ups उभर रहे हैं, जो Millets पर काम कर रहे हैं. इसके बने पकवान बहुत गुणकारी होते हैं. ऐसे में आप अपने घरों में बने ऐसे पकवानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जरूर साझा करें ताकि लोग जागरूक हो सकें.

संबंधित पोस्ट

पुलिस विभाग की बड़ी लापरवाही, निर्दोष व्यक्ति ने तीन दिन काटी जेल

navsatta

प्रचार के दावे बेदम: बेहतर नहीं, बदतर है सरकारी स्कूलों की सूरत

navsatta

Maharashtra Crisis: बागी विधायकों समेत मुंबई लौटने को तैयार हुए एकनाथ शिंदे

navsatta

Leave a Comment