लखनऊ,नवसत्ता: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यूपी में विधानमंडल की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राष्ट्रपति कोविंद ने विधायाकों को लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखने की नसीहत देते हुए कहा कि बिना भेदभाव के जनता के बीच सेवा करने का काम करें. उन्होंने कहा कि यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां अभी भी विधानसभा और विधान परिषद में आधी आबादी यानी महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है. इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है. इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी मौजूद रहे.
जनता को आपसे बहुत सारी उम्मीदें हैं
राष्ट्रपति ने कहा कि विधानमंडल लोकतंत्र का मंदिर है और आप जनता के भाग्य विधाता हैं. जनता को आपसे बहुत सारी उम्मीदें, आकांक्षाएं और अपेक्षाएं हैं. आप उनके लिए भी काम करिए जिन्होंने आप को वोट देकर यहां भेजा है और उनके लिए भी उसी निर्विकार भाव से काम करिए जिन्होंने आप को वोट नहीं दिया है.
यूपी विधानमंडल में महिला सदस्यों की संख्या पर जताई चिंता
राष्ट्रपति कोविंद ने यूपी विधानमंडल में महिला सदस्यों की संख्या पर चिंता जाहिर की उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि यूपी विधानसभा में महिला सदस्यों की 47 है जो कि कुल सदस्यों 403 का 12 प्रतिशत है. वहीं, विधान परिषद में कुल 100 सदस्यों में महिलाओं की संख्या सिर्फ पांच है. जिसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है.
उत्तर प्रदेश विधान मण्डल में सत्ता पक्ष तथा प्रतिपक्ष के बीच गरिमापूर्ण सौहार्द का गौरवशाली इतिहास रहा है। लोकतन्त्र में सत्ता तथा प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता है परंतु दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए। pic.twitter.com/qePqEor3EO
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 6, 2022
मुलायम व मायावती के कामकाज की तारीफ
राष्ट्रपति ने यूपी के गौरवशाली इतिहास से लेकर मौजूदा समय में योगी सरकार के कामकाज तक का जिक्र किया. उन्होंने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती की भी तारीफ की. राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के इतिहास को याद करते हुए कहा कि आजाद भारत में यूपी में ही पहली महिला मुख्यमंत्री का इतिहास रचा गया. बंगाल में जन्मीं और सिंधी परिवार में ब्याही गईं सुचिता कृपलानी राज्य की पहली मुख्यमंत्री बनीं.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित सांसदों में से 9 प्रधानमंत्रियों ने अब तक देश को प्रतिनिधित्व दिया. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की.