नई दिल्ली,नवसत्ता : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. भारत में बच्चों के लिए मंजूरी पाने वाली यह पहली वैक्सीन है. सरकार की तरफ से इस वैक्सीन को लेकर जल्द ही गाइडलाइन जारी की जाएगी.
भारत बायोटेक ने सितंबर में बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल पूरे किए थे और क्लीनिकल ट्रायल्स में लगभग 78 प्रतिशत असरदार साबित हुई थी. कंपनी द्वारा डाटा सबमिट किए जाने के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आंकलन के बाद कंपनी से एडिशनल डाटा मांगा था, जो शनिवार को सबमिट कर दिया गया था. कल भी इसे लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की मीटिंग हुई थी और आज हुई बैठक में 2 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन लगाए जाने को अनुमति दे दी गई.
इससे पहले जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी को इमर्जेंसी यूज के लिए दवा नियामक डीसीजीआई से मंजूरी दी गई थी. यह 12 साल के बच्चों, किशोरों और बड़ों को लगाई जा सकेगी. भारत में बनी यह दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन थी. देश में अभी कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी टीके केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दिए जा रहे हैं. इनकी दो खुराक दी जाती हैं. जबकि इसके विपरीत जायकोव-डी तीन-खुराक वाला टीका है.
गौरतलब है कि कि इस साल जुलाई में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में बताया था कि देश में दो कंपनियां बच्चों की कोरोना वैक्सीन की दिशा में काम कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि जायडस कैडिला ने इसे लेकर ट्रायल शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि भारत बायोटैक कंपनी ने भी यह ट्रायल शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी उन्हें यह अनौपचारिक रूप से सूचना मिली है.