प्रतापगढ़,नवसत्ता: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में लालगंज के एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम की पिटाई से तहसीलकर्मी सुनील शर्मा की मौत हो गई है. मामले में हंगामे के बाद तूल पकड़ लिया जिसके बाद आरोपी एसडीएम के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. वहीं मौत के दो घंटे बाद भी मृत नहीं घोषित करने पर नाराज तहसील कर्मियों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया और अस्पताल के ओटी का गेट तोड़ने का प्रयास किया. तब जमकर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल ने तहसीलकर्मी के शव को अस्पताल से बाहर किया.
मारपीट का आरोप
दरअसल मामला लालगंज तहसील का है. यहां सुनील कुमार शर्मा नायब नाजिर के पद पर तैनात था. गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे वह तहसील पहुंचा और एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह पर मारपीट करने का आरोप लगाने लगा. वह अपनी लहूलुहान पीठ दिखाता रहा. उसकी पीठ पर लाठी-डंडों के निशान थे. एसडीएम पर मारपीट का आरोप लगाते हुए वह तहरीर लेकर काफी देर घूमता रहा.
वहीं घायल सुनील कुमार शर्मा शाम को मुख्यालय पहुंचा और कर्मचारी नेता हेमंत नंदन ओझा को घटना की जानकारी दी. हेमंत शाम को उसे लेकर एडीएम मुकेशचंद्र से मिले और शिकायती पत्र देकर मेडिकल कराने की मांग की. एडीएम के निर्देश पर जिला अस्पताल में उसकी चोटों का मेडिकल किया गया. शनिवार को हंगामे के बाद नायब नाजिर को लालगंज से जिला मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए लाया गया, जहां पर उसकी मौत हो गई है.
हंगामे के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
इसके बाद मृतक के परिजनों और तहसील कर्मियों ने शव अस्पताल परिसर के एम्बुलेंस में रखकर आरोपी एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तारी की मांग करने लगे. इस दौरान सैकड़ों सरकारी कर्मचारी करीब 4 घंटे तक हंगामा करते रहे, जिसके बाद मृतक के बेटे की तहरीर पर लालगंज कोतवाली में एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम के विरुद्ध हत्या, मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया.
हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी एसडीएम की तलाश तेज कर दी है. बताया जाता है मृतक शराब पीने का आदी था, शराब के नशे में तमाम हरकतों से एसडीएम नाराज रहते थे और इसी के चलते एक दिन उसकी जमकर पिटाई कर डाली.