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Jharkhand News: पत्नी समेत दो मासूमों को जिंदा जलाने के दोषी को आजीवन कारावास

कोडरमा,नवसत्ता: झारखंड के कोडरमा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अजय कुमार सिंह की अदालत ने पत्नी और दो नाबालिग बच्चों को जलाकर हत्या करने के मामले में दोषी सतगांवा के मरचोई निवासी मुंशी मिस्त्री (पिता स्व सहदेव मिस्त्री) को आजीवन कारावास और 30 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

कमरे में बंद कर लगा दी थी आग

जानकारी के अनुसार मुंशी मिस्त्री ने पारिवारिक विवाद के दौरान अपनी पत्नी 25 वर्षीया बेबी देवी, 4 वर्षीया पुत्री प्रिया कुमारी व 2 वर्षीय पुत्र सन्तु कुमार को कमरे में बंद कर केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगा दी थी. इस हृदयविदारक घटना में 2 वर्षीय पुत्र सन्तु कुमार की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी, जबकि पत्नी और 4 वर्षीया पुत्री की मौत रिम्स में इलाज के दौरान हो गई थी. ये घटना 7 अप्रैल 2019 की है. उस समय घटना को लेकर मृतका बेबी देवी की मां गिरिडीह निवासी मुनवा देवी (पति स्व. कैलाश मिस्त्री) के द्वारा रिम्स में पुलिस को दिए फर्द बयान के तहत सुसंगत धाराओं के साथ कांड संख्या 13/19 दिनांक 15 अप्रैल 2019 को दर्ज किया गया था.

शराबी पति अक्सर करता था मारपीट

मुंशी मिस्त्री की पत्नी बेबी देवी ने भी रिम्स में इलाज के दौरान पुलिस को दिए बयान में अपने पति पर केरोसिन तेल छिड़ककर तीनों को जलाकर मारने का आरोप लगाया था. मृतका की मां के द्वारा दर्ज कराए गए मामले में कहा गया था कि आरोपी मुंशी मिस्त्री आये दिन उसकी पुत्री के साथ मारपीट किया करता था. घटना के दिन भी शराब पीकर पत्नी के साथ मारपीट की और पत्नी समेत दोनों बच्चों को कमरे में बंद कर केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगा दी.

आजीवन कारावास और 30 हजार जुर्माना

मामला दर्ज होने के बाद सतगांवा पुलिस ने आरोपी मुशी मिस्त्री को 12 सितम्बर 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बलराम सिंह ने न्यायालय में 10 गवाहों का प्रति परीक्षण कराया, जिसमे 4 डॉक्टर ने भी न्यायालय में गवाही दी.

वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ ने दलीलें रखी. दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों के बयान के आधार पर न्यायालय ने आरोपी मुंशी मिस्त्री को आजीवन कारावास और 30 हजार का आर्थिक जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि नही देने पर दोषी को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी.

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