उडुपी,नवसत्ता: कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में लड़कियों के हिजाब पहनने पर विवाद बढ़ता जा रहा है. उडुपी में मंगलवार सुबह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके जवाब में भगवा दुपट्टे पहने छात्र उनके सामने आ गए. दोनों तरफ से जबर्दस्त नारेबाजी हुई. इसके बाद कॉलेज के प्रोफेसर्स ने मामला संभाला.
कर्नाटक हाईकोर्ट में है मामला
हिजाब विवाद को लेकर आज कर्नाटक हाईकोर्ट में भी सुनवाई हो रही है. जस्टिस कृष्णा दीक्षित मामले की सुनवाई कर रही हैं. इस मामले की लिस्टिंग के साथ ही उन्होंने कहा कि एक मामले में जो भी फैसला होगा, वह सभी याचिकाओं पर लागू होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने कुछ और दस्तावेज भी मांगे हैं. कोर्ट सभी डॉक्यूमेंट्स पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू करेगा.
क्या है विवाद
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था. यहां उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लासरूम में बैठने से रोक दिया गया था. कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था. इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है. इन छात्राओं ने कॉलेज गेट के सामने बैठकर धरना देना भी शुरू कर दिया था.
भगवा गमछे पहनकर क्लास अटेंड करने पहुंचे लड़के
लड़कियों के हिजाब पहनने के जवाब में कुछ हिंदू संगठनों ने लड़कों को कॉलेज कैंपस में भगवा शॉल पहनने को कहा था. वहीं, हुबली में श्रीराम सेना ने कहा था कि जो लोग बुर्का या हिजाब की मांग कर रहे हैं, वे पाकिस्तान जा सकते हैं. ये सवाल भी उठाया गया था कि हिजाब पहनकर क्या भारत को पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाने की कोशिश की जा रही है?
दो कॉलेजों में दो दिन की छुट्टी
विवाद बढ़ता देखकर कर्नाटक के विजयपुरा के दो कॉलेज.. शांतेश्वरा पीयू और जीआरबी कॉलेज में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है, जबकि उडुपी के कॉलेज में हिजाब के साथ छात्राओं को आने की इजाजत दे दी गई थी. दूसरी तरफ कुंडापुरा के सरकारी पीयू कॉलेज ने कैम्पस में सोमवार को मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर आने की अनुमति तो दी, लेकिन यह नियम भी लागू किया कि वे अलग क्लास में बैठेंगी. ये छात्राएं कॉलेज गेट के बाहर रोज कॉलेज शुरू होने से लेकर खत्म होने तक प्रदर्शन कर रही थीं.
सीएम बोम्मई बोले- हाइकोर्ट का फैसला आने तक नियम मानें
इधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्कूली छात्राओं से कहा है कि जब तक हाईकोर्ट इस मामले में फैसला नहीं सुना देते तब तक वे यूनिफॉर्म को लेकर राज्य सरकार के नियमों का पालन करें. उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को लेकर नियम बनाए गए हैं, ताकि सभी छात्र एक जैसे दिखें. इन नियमों का संविधान में भी जिक्र है और इनका पालन करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह नियम कर्नाटक एजुकेशन एक्ट में भी लिखे गए हैं. इस बारे में एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है.
हिजाब पर राजनीतिक विवाद
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में अब तक हिजाब और भगवा को लेकर कोई विवाद नहीं था. भाजपा सरकार जानबूझकर इस मुद्दे को हवा दे रही है. भाजपा का मकसद इस पर राजनीति करना ही है. राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर इसे भाजपा का एजेंडा कहा था. उन्होंने इसे निजी आजादी के लिए खतरा भी बताया था.
क्या होता है हिजाब, बुर्का और नकाब से कैसे होता है अलग?
हिजाब नकाब से काफी अलग होता है. हिजाब का मतलब पर्दे से है. बताया जाता है कि कुरान में पर्दे का मतलब किसी कपड़े के पर्दे से नहीं बल्कि पुरुषों और महिलाओं के बीच के पर्दे से है. वहीं, हिजाब में बालों को पूरी तरह से ढकना होता है यानी हिजाब का मतलब सिर ढकने से है. हिजाब में महिलाएं सिर्फ बालों को ही ढकती हैं. किसी भी कपड़े से महिलाओं का सिर और गर्दन ढके होना ही असल में हिजाब कहा जाता है, लेकिन महिला का चेहरा दिखता रहता है.
फिर क्या होता है बुर्का और नकाब?
बुर्का- बुर्का एक चोले की तरह होता है, जिसमें महिलाओं का शरीर पूरी तरह से ढका होता है. इसमें सिर से लेकर पांव तक पूरा शरीर ढकने का साथ आंखों पर एक पर्दा किया जा सकता है. इसके लिए आंखों के सामने एक जालीदार कपड़ा लगा होता है, जिससे कि महिला बाहर का देख सके. इसमें महिला के शरीर का कोई भी अंग दिखाई नहीं देता. कई देशों में इसे अबाया भी कहा जाता है.
नकाब- नकाब एक तरह से कपड़े का परदा होता है, जो सिर और चेहरे पर लगा होता है. इसमें महिला का चेहरा भी नजऱ नहीं आता है. लेकिन, नकाब में आंखें कवर नहीं होती हैं. हालांकि, चेहरे पर यह बंधा होता है.
दुपट्टा- दुपट्टा काफी आम परिधान है. यह एक तरह से लंबा स्कार्फ होता है, जिससे सिर ढका होता है और यह कंधे पर रहता है. यह महिला की ड्रेस से मैचिंग का भी हो सकता है. साउथ एशिया में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है और इसे शरीर पर इसे ढिले-ढाले तरीके से ओढ़ा जाता है. यह हिजाब की तरह नहीं बांधा जाता है.
अल-अमीरा- रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दो कपड़ों का सेट होता है. एक कपड़े को टोपी की तरह सिर पर पहना जाता है. दूसरा कपड़ा थोड़ा बड़ा होता है जिसे सिर पर लपेटकर सीने पर ओढ़ा जाता है.