लखनऊ,नवसत्ता: आम तौर पर राजनीति एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र माना जाता है, जिसमे समय, परिवरिक जिम्मेदारियाँ और व्यक्तिगत कठिनाईयों की वजह से बड़ी संख्या में महिलायें इससे दूर रहती हैं. पिछले कई दशकों से देश के सभी राज्यों मे कुछ अपवादों को छोड़ दें, तो राजनीतिक परिदृश्य मे पुरुष ही हावी दिखते हैं. ऐसे में काँग्रेस पार्टी द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाना महिलाओं का ध्यान आकर्षित कर रहा है.
पार्टी ने उत्तर प्रदेश में, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक सुनियोजित अभियान चला रखा है. प्रियंका ने “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का एक प्रभावशाली नारा दिया है. जिससे बड़ी संख्या में महिलाएं व लड़कियां काँग्रेस से जुड़ रही हैं. इसके साथ ही, प्रियंका ने महिलाओं को केंद्र मे रख कर एक संकल्प पत्र जारी किया जिसमे कांग्रेस पार्टी ने इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान किया है.
जहां शुरू में अन्य राजनीतिक दल यह कहते हुए सुने गए कि इतनी बड़ी संख्या में महिला प्रत्याशी मिलना एक चुनौती होगी, वहीं दूसरी ओर काँग्रेस सूत्रों का कहना है कि यूपी में चुनाव लड़ने के लिए अभी तक 9000 आवेदन आ चुके हैं और इनमें से 6000 महिलाओं के हैं.
कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने दावा किया है कि महिलाओं में राजनीति में भागीदारी करने के लिए अपार उत्साह है जो बड़ी संख्या में प्रत्याशी बनने के आवेदनों से परिलक्षित होता है. यही नहीं, उत्तर प्रदेश में काँग्रेस पार्टी ने सबसे पहले प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू की है और बहुत शीघ्र प्रत्याशियों की सूची जारी की जाएगी.
प्रियंका ने यूपी के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को आरक्षण देने की बात कहकर चुनावी माहौल को गरमा दिया था. अब महिलाओं में भी काँग्रेस के माध्यम से चुनाव लड़ने और राजनीति में हिस्सा लेने की पसंद को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में राजनीति का चेहरा भी बदलेगा. प्रियंका के इस एक निर्णय से यह स्पष्ट है कि महिलाओं को उनका उचित स्थान दिलाने में काँग्रेस पार्टी ने जो पहल की है उससे अन्य राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
काँग्रेस पार्टी की प्रत्याशी चयन की समिति ने लोकतांत्रिक परम्पराओं का निर्वहन करने के लिए उत्तर प्रदेश में इच्छुक उम्मीदवारों से मुलाकात की और उनकी उम्मीदवारी को परखा. महिलाओं को टिकट देने की घोषणा के बाद आवेदन लेने की आखिरी तारीख बढ़ाई गई है. कांग्रेस का मानना है कि महिलाओं के राजनीति में भागीदारी बढ़ाने से कार्यकर्ताओं में जोश रहेगा और सही उम्मीदवार ही आगे आएंगे.