नई दिल्ली,नवसत्ता: पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर्स के आंदोलन में शामिल हुए. ये टीचर सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर स्थायी नौकरी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. अब इसे नवजोत सिंह सिद्धू का पलटवार माना जा रहा है. कांग्रेस अब दिल्ली के गेस्ट टीचरों के धरने में शामिल होकर अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में ही घेरने की कोशिश कर रही है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम अरविंद केजरीवाल को दी चुनौती दी है कि अगर दम है तो उनके सवालों के जवाब दें. सिद्धू ने इस बाबत ट्वीट में कहा- ‘दिल्ली का एजुकेशन मॉडल कॉन्ट्रैक्ट मॉडल है. दिल्ली सरकार में 1031 स्कूल हैं जबकि सिर्फ 196 स्कूलों में प्रिंसिपल हैं. 45प्रतिशत शिक्षक पद खाली हैं और 22,000 गेस्ट टीचर्स द्वारा दैनिक वेतन पर स्कूल चलाए जा रहे हैं, हर 15 दिन पर कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया जाता है.’
Will be joining Delhi guest teachers dharna outside @CMODelhi @ArvindKejriwal residence …@AAPDelhi
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 5, 2021
वहीं कांग्रेस नेता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से सवाल किया कि उन्होंने दिल्ली में शिक्षकों के लिए कितनी नौकरियां उपलब्ध कराई हैं. दरअसल, केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि पंजाब में आप के सत्ता में आने पर अनुबंधित शिक्षकों को नियमित कर दिया जाएगा.
In 2015 there were 12,515 job vacancies for teachers in Delhi but in 2021 there are 19,907 job vacancies of teachers in Delhi. While AAP Govt is filing up vacant posts through guest lecturers !!
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 5, 2021
इससे पहले चुनावी वादों को लेकर कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए. सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के पंजाब में सत्ता में आने पर 18 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक महिला को हर महीने एक हजार रुपए की आर्थिक मदद देने के केजरीवाल के वादे को ‘लॉलीपॉप’ करार देते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक से सवाल किया कि दिल्ली में कितनी महिलाओं को यह राशि प्रदान की जा रही है.
गौरतलब है कि हाल ही में पंजाब में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राज्य सरकार के खिलाफ धरने में शामिल हुए थे. सिद्धू के इस कदम को कांग्रेस का आम आदमी पार्टी को जवाब माना जा रहा है.