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प्रदूषण पर केंद्र और दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी- 24 घंटे में उठाएं कदम वरना कोर्ट देगा आदेश

नई दिल्ली,नवसत्ता: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख दिखाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र और दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण रोकने के लिए 24 घंटे के अंदर योजना के साथ पेश होने के लिए कहा. कोर्ट ने कहा कि अगर यह दोनों सरकारें प्रदूषण रोकने में कोई कदम उठाने में चूकती हैं, तो हम इस बारे में आदेश देंगे. सर्वोच्च न्यायालय अब इस मामले में कल सुबह 10 बजे सुनवाई करेगा.

जब बड़े घर से काम कर रहे हैं तो बच्चे स्कूल जाने को मजबूर क्यों हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे की याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब सरकार ने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया हुआ है तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है?
तभी दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने दो मिनट का समय मांगा, तो सीजेआई ने कहा कि हम विपक्ष नहीं हैं. जो बेवजह आपकी निंदा करें. हमें बस लोगों की चिंता है. सीजेआई ने कहा कि आप कुछ नहीं करेंगे तो हमें बंद करना पड़ेगा. आपने कई दावे किए हैं. आपने कहा कि आपने स्कूल बंद कर दिए हैं. लेकिन सभी स्कूल बंद नहीं हैं. 3 साल और 4 साल के बच्चे स्कूल जा रहे हैं.

जुर्माना ही प्रदूषण का हल नहीं
सीजेआई ने पूछा कि दिल्ली सरकार के पास कितने उडऩ दस्ते हैं. केंद्र सरकार के पास कितने हैं. इसपर सिंघवी ने कहा कि उड़न दस्तों की बहुलता केवल भ्रम को बढ़ाएगी. मुझे यह स्पष्ट करना चाहिए. निरीक्षण करने के लिए टीमें हैं. सीपीसीबी और प्रदूषण बोर्ड के उड़न दस्ते हैं. कोर्ट ने कहा कि आप लोग सिर्फ दलीलें देते हैं और समय बर्बाद करते हैं. फिर सिंघवी बोले कि ऐसा नहीं है.

कई उड़न दस्ते हैं और हमने कल के हलफनामे में बताया भी है. इसके अलावा प्राधिकार काम कर रहे हैं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यूपी, हरियाणा और दिल्ली में विभिन्न साइट्स में उल्लंघन हुआ, जिसका जिक्र आपने हलफनामे में किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और हरियाणा का हलफनामा एक जैसा है. जुर्माना लगाकर पैसा वसूलना प्रदूषण का हल नहीं है.

प्रदूषक उद्योगों को बंद करने का आदेश दे सकता है
यूपी के लिए रंजीत कुमार पेश हुए और कहा कि आयोग के पास शक्तियां हैं. वह जुर्माना लगाने के अलावा प्रदूषक उद्योगों को बंद करने का आदेश दे सकता है. सीजेआई ने कहा कि एसजी आप यह समझिए कि आपातकालीन स्थिति है. मान लीजिए कोई बुखार से पीड़ित है तो उसपर इतने भारी प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ेगा. आखिर क्या जरूरत है 20-30 सदस्य वाले आयोग की जब प्रदूषण बरकरार है. सीजेआई ने कहा कि हमें कुछ अलग करना होगा. वरना यह प्रदूषण कम नहीं किया जा सकेगा.

सॉलिसिटर जनरल ने समय मांगा
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सोमवार का समय दें. विकास सिंह ने कहा कि पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था. बार बार स्थगन की मांग कि गई थी. विकास सिंह ने कहा कि जब तमाम कदम उठाने के बाद यह हालात हैं तो इसका मतलब है कुछ सही नहीं हो रहा है. ऐसे में कोर्ट कुछ समय के लिए टास्क फोर्स का गठन करे, ताकि प्रदूषण कम हो. सीजेआई ने कहा कि वाहनों और औद्योगिक प्रदूषण को लेकर हम चिंतित हैं. लोगों की सेहत खराब हो रही है. कल देखते हैं कि आप सुबह क्या बताते हैं, आप नहीं करेंगे तो हम आदेश जारी करेंगे.

लंबे चौड़े आयोग का क्या मतलब?
सीजेआई बोले कि लंबे चौड़े आयोग का क्या मतलब है? दवा के बावजूद बुखार बढ़ रहा है. हम आपकी नौकरशाही को काम करना नहीं सिखा सकते. हम जज आपस में बात कर रहे थे कि शायद हमें कुछ बड़ा कदम उठाना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एक मंत्री के सेंट्रल विस्टा जाने और तस्वीर खिंचवाने पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि कुछ लोगों से जुर्माना वसूलकर सरकारी खाते में जमा करना हल नहीं है. कोर्ट ने स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के संकेत दिए हैं. जबकि केंद्र और दिल्ली ने इसका विरोध किया है.

सरकारों को दिया 24 घंटे का वक्त
प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन पर कुछ ठोस प्रस्ताव देने के लिए केंद्र, दिल्ली और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से 24 घंटे का समय दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह कल सुबह 10 बजे 30 मिनट पर बैठेगा. अगर केंद्र एक संतोषजनक तंत्र के साथ आने में विफल रहता है, तो कुछ आदेश पारित करेगा. सीजेआई ने कहा कि आपकी प्रदूषण के वायु गुणवत्ता आयोग में कितने सदस्य हैं.

एसजी ने कहा कि 16 सदस्य हैं. कोर्ट ने कहा कि निर्देशों को लागू कराने की शक्तियां नहीं हैं. एसजी ने कहा कि मैं इस पर जवाब दूंगा. सरकार काम कर रही है. सभी चिंतित हैं और मुझे कल या सोमवार तक आयोग के बारे में जवाब देने के लिए समय दीजिए. मैं मंत्री से बात करके ही इसपर जवाब दूंगा.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीजेआई ने कहा, हम औद्योगिक और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर गंभीर हैं. आप हमारे कंधों पर रखकर बंदूक नहीं चला सकते, आपको कदम उठाने होंग. स्कूल क्यों खुले हैं? हमारे भी बच्चे और नाती-पोते हैं. हम आपको 24 घंटे का समय दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि आप इसपर गंभीरता से विचार करें और समाधान निकालें.

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