लखनऊ,नवसत्ता: उत्तर प्रदेश सरकार ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के लाखों कर्मियों और अधिवक्ताओं को सब्सिडी पर मकान देने की तैयारी में है. इन कर्मचारियों और वकीलों को सब्सिडी पर मकान देने की योजना है. इन मकानों को लेने वालों से भूमि का सिर्फ सांकेतिक मूल्य एक रुपये लिया जाएगा. हालांकि छूट पर मकान लेने वालों को इस शर्त पर दिया जाएगा कि वे 10 साल तक इसे बेच नहीं पाएंगे.
योगी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को जल्द लाया जा सकता है. उच्च अधिकारियों की बैठक में इस योजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है. उच्च स्तर से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पास कराया जाएग. कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद ही इस योजना का लाभ मिल पाएगा. फिलहाल अभी तक ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मचारियों के लिए मकान देने की ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है.
यूपी में अभी तक ग्रुप-सी और ग्रुप-डी और वकीलों को छूट पर मकान देने की व्यवस्था नहीं है. इसके चलते ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मी और ऐसे वकील जिनकी अधिक आय नहीं है, उन्हें मकान लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. काफी विचार के बाद इस वर्ग को छूट पर मकान देने का फैसला लिया गया है. मकान देने की प्रक्रिया क्या होगी और कैसे इसे दिया जाएगा इसके लिए प्रारंभिक दौर की वर्ता में सहमति बन गई है. इसके लिए पात्रता का मानक बाद में तय किया जाएगा.
आपको बता दें कि पात्रों को मकान देने के लिए संबंधित विभाग ही नोडल होगा. अधिवक्ताओं के लिए न्याय और ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मियों के लिए कार्मिक विभाग नोडल बनाया गया है. अधिवक्ताओं के लिए प्रयागराज शहर में किसी उपयुक्त जगह पर ऐसी भूमि चिह्नित की जाएगी, जिस पर मकान बनाया जा सके. जमीन ढूंढ लेने के बाद उसे न्याय विभाग के हस्तांतरित किया जाएगा.
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग नोडल विभागों को नजूल की जमीन पट्टे पर उपलब्ध कराएगा. ग्राम पंचायतों व स्थानीय प्राधिकारी के प्रबंधन की जमीनों को राजस्व विभाग और अन्य सरकारी भूमि संबंधित विभाग नियमों के अधीन नोडल विभाग को जरूरत के आधार पर उपलब्ध कराएगा. इस योजना के अंतर्गत निर्मित आवासों पर पात्रों को सब्सिडी दी जाएगी.