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अब “हर घर टीका, घर-घर टीका” के साथ हर घर पहुंचना है, पीएम मोदी का जिलाधिकारियों को निर्देश

अफवाहों से निपटने के लिए स्थानीय धर्मगुरुओं से भी लें मदद

वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए हर गांव में अलग रणनीति बनानी पड़े तो बनाएं

नई दिल्ली,नवसत्ता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कम टीकाकरण करने वाले जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. बैठक के बाद पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण में तेजी लाने के लिए लोगों को जागरुक करना जरूरी है. कोरोना वॉरियर्स को इसके लिए कैंपेन करना होगा और लोगों को समझाना होगा. पीएम ने कहा कि आप इसमें स्थानीय धर्मगुरुओं की भी मदद ले सकते हैं और उनका दो मिनट का वीडियो बनाकर लोगों के बीच संदेश दे सकते हैं. अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए. अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ आपको हर घर पहुंचना है.

झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मेघालय सहित अन्य राज्यों के 40 से ज्यादा जिले ऐसे हैं, जहां 50 फीसदी से कम पहली डोज लगी है और दूसरी डोज की रफ्तार भी धीमी है. इस समीक्षा बैठक के दौरान इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण से जुड़े कम्युनिकेशन को हम जितनी आसान भाषा में करेंगे, तो परिणाम बेहतर आएंगे. कुछ जगहों पर इसके लिए गीत बनाए गए, स्थानीय भाषा में प्रचार किया गया, जिससे टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी.
प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि वे दूसरे जिलों से सीखें कि उन्होंने कैसे वैक्सीनेशन की गति बढ़ाई है. अगर उन्होंने किसी तरह का कोई इनोवेशन किया है, तो उससे मदद ले सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 100 साल की इस सबसे बड़ी महामारी में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है. कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे और नए तरीके आजमाए. आपको भी अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा.
खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में घर-घर टीकाकरण अभियान चलाया जा सकता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग सके. भारत सरकार ने इस साल के अंत तक सभी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा,  कभी भी बीमारी और दुश्मनों को कम करके नहीं आंकना चाहिए. उनका अंत तक मुकाबला करना है. इसलिए, मैं चाहता हूं कि हम थोड़ी सी भी ढिलाई न बरतें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब-करीब ढाई करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर दिखा चुके हैं. ये दिखाता है कि हमारी कैपेबिलिटी क्या है, हमारा सामर्थ्य क्या है.

अब तक देश में 78 प्रतिशत आबादी (73.63 करोड़ लोग) को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है, जबकि 35 फीसदी (33.66 करोड़) को दूसरी डोज दी गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वैक्सीन की अब तक करीब 114 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध कराई जा चुकी है. वहीं राज्यों के पास अब भी 14.68 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हैं, जिनका अभी इस्तेमाल नहीं किया गया है.
अरुणाचल प्रदेश के करा दादी जिले में 19 फीसदी, मणिपुर के उखरूल में 20 फीसदी, नागालैंड के तुनसांग जिले में सिर्फ 21 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगी है.

झारखंड के 9 जिले, जहां 50 प्रतिशत से कम लोगों को पहली डोज लगाी है, उनमें पाकुड़ (37.1प्रतिशत), साहेबगंज (39.2प्रतिशत), गढ़वा (42.7प्रतिशत), देवघर (44.2प्रतिशत), पश्चिमी सिंहभूम (47.8प्रतिशत), गिरिडीह (48.1प्रतिशत), लातेहार (48.3प्रतिशत), गोड्डा (48.3प्रतिशत), और गुमला (49.9प्रतिशत) शामिल हैं.
देश में सबसे कम पहली डोज लगाने वाले जिलों में सबसे ऊपर नागालैंड का किफिरे जिला है, जहां सिर्फ 17 फीसदी लोगों को ही कोरोना वैक्सीन लगाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के 6 जिले हैं जहां कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगाने का आंकड़ा 50 फीसदी से कम है. वहीं ऐसी सूची में झारखंड के 9 जिले और मणिपुर के 8 जिले शामिल हैं. 50 फीसदी से कम पहली डोज वाले 48 जिलों में से 27 नॉर्थ ईस्ट से हैं. मणिपुर और नगालैंड के 8-8 जिलों में स्थिति चिंताजनक है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश भर में मंगलवार को 41.16 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज लगाई गई. वहीं देश में वैक्सीनेशन का कुल आंकड़ा 107.29 करोड़ से अधिक हो चुका है. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि देश में 10.34 करोड़ से अधिक संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने निर्धारित तारीख के बाद भी कोविड रोधी टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है.

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