सीएम योगी ने राजस्व व कृषि विभाग को परस्पर समन्वय स्थापित करने के दिए निर्देश
किसानों की फसलों के नुकसान और क्षतिग्रस्त हुए मकानों का आकलन करेंगे अधिकारी
ग्रामीणों व किसानों के प्रति संवेदनशील सरकार प्रत्येक व्यक्ति को पहुंचा रही मदद
लखनऊ,नवसत्ता: बाढ़ के दौरान मानव जीवन को बचाने के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ने वाली राज्य सरकार ने किसानों को हुए नुकसान की पाई-पाई भुगतान करने का बड़ा निर्णय लिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों से कहा है कि बाढ़ और अतिवृष्टि से कृषि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करें और जिन किसानों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उनके नुकसान की क्षतिपूर्ति तत्काल कराएं.
किसानों की चिंता और उनके प्रति संवेदनशील रहने वाली योगी सरकार ने राजस्व और कृषि विभाग से परस्पर समन्वय बनाते हुए शीर्ष प्राथमिकता पर इस कार्य को पूरा कराने के लिए कहा है. नदियों के जलस्तर में लगातार आ रही गिरावट से किसानों को काफी राहत मिली है. अब राज्य सरकार प्रत्येक बाढ़ ग्रसित व्यक्ति को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति कराकर उसकी मदद के हर संभव प्रयास में जुट गई है. सरकार ने अपने मजबूत इरादों से बाढ़ ग्रसित जिलों में मानव जीवन को बचाने के लिए भी अभूतपूर्व प्रयास किये हैं. सीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने बाढ़ के दौरान राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी. लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की अलग-अलग टीमें 24 घंटे मौके पर मौजूद रहीं.
राज्य सरकार ने बाढ़ के दौरान बाढ़ ग्रसित इलाकों से फंसे लोगों को बाढ़ शरणालयों में शरण दी. इस दौरान प्रदेश में 1134 से अधिक बाढ़ शरणालय बनाए गये. जिनमें बाढ़ ग्रसित लोगों के भोजन, पानी और रहने की बेहतर सुविधा दी गई. बीमारी से बचाव के लिए सरकार ने 1125 से अधिक मेडिकल टीमों को बाढ़ वाले जिलों में भेजा. जिससे बदलते मौसम और बरसात के दौरान होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सका. राज्य सरकार ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए 6375 साधारण नाव और 451 से अधिक मोटर बोट लगाई. 1327 से अधिक बाढ़ चौकियां स्थापित कीं. इसके साथ में बाढ़ में फंसे प्रत्येक व्यक्ति तक राशन किट, लंच पैकेट, त्रिपाल, पानी के पाउच, ओआरएस पैकेट और क्लोरीन की टैबलेट भी पहुंचाई गई.