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इसी साल एनडीए परीक्षा में होगी महिलाओं की एंट्री

नई दिल्ली, नवसत्ता: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की प्रवेश परीक्षा में महिलाओं के शामिल होने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने पहली परीक्षा स्थगित करने की केंद्र की मांग को अस्वीकार कर दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को 14 नवंबर को आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. आज मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, आपात स्थिति से निपटने के लिए सशस्त्र बल सबसे अच्छी प्रतिक्रिया टीम है और उम्मीद है कि बिना किसी देरी के एनडीए में महिलाओं को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी.
महिलाओं को एनडीए में प्रवेश देने के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिला उम्मीदवारों के लिए पहली परीक्षा स्थगित करने की केंद्र की मांग को अस्वीकार कर दिया और केंद्र सरकार को 14 नवंबर को आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया. एनडीए 2020 की प्रवेश परीक्षा 14 नवंबर को होनी है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र के हलफनामे से ऐसा प्रतीत होता है कि आप एक साल के लिए प्रवेश को टालना चाहते हैं. इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसा नहीं है. हमें व्यवस्थाएं करने में कुछ समय लगेगा. इसके लिए हमें समय चाहिए. जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आपको छह महीने व्यवस्था करने के लिए दे सकते हैं.
कोर्ट ने अगले साल तक प्रवेश को टालने की मांग को ठुकराया
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से यह साफ हो गया है कि इसी वर्ष से महिलाओं को एनडीए की परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अगले साल तक प्रवेश को टालने की मांग को ठुकरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के बाद अगर कोई समस्या आती है तो सरकार कोर्ट को सूचित कर सकती है.
इस मामले पर अब जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि महिलाओं को आकांक्षा देने के बाद परीक्षा को स्थगित करना या टालना सही संकेत नहीं होगा, इसे इसी साल से शुरू कीजिए.
केंद्र सरकार ने हलफनामें में कहा था कि मई 2022 तक एनडीए में महिला परीक्षार्थियों के लिए नोटिस जारी किया जाएगा. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत से अनुरोध किया कि वह महिला उम्मीदवारों को अगले साल परीक्षा में शामिल होने दें और इस सत्र में नहीं, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह इस सत्र से ही होना चाहिए. एक साल तक सब कुछ स्थगित करना मुश्किल लगता है. परीक्षा पहले ही निर्धारित कर दी गई है. अंतरिम आदेश पारित कर दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बल आपातकाल से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त हैं और हमे नहीं लगता कि वह इस साल परीक्षा लेने वाले छात्रों को समायोजित करने में असमर्थ होंगे.

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