मुंबई,नवसत्ता : पिछले साल लॉकडाउन से लेकर इस साल के लॉकडाउन के दौरान फिल्म इंडस्ट्री मे काम बिल्कुल ठप्प होने के बाद भी घर पर रहकर ही कई लेखकों, गीतकारों ने अपने समय का सदुपयोग किया। कुछ ने नई कहानियां लिख डाली कुछ ने गीतों के नये मुखड़ों के संग्रह लिख डाले। कुछ गायक इनडिपेन्डेंट कलाकार हो गये।
गीतकार साहिल सुलतानपुरी ने भी ख़ुद को अपनी लेखन और संगीतकारों के संपर्क मे व्यस्त रखा। नतीजे भी जल्दी ही रमेश सिप्पी (फिल्म शोले के निर्माता) और किरन जुनेजा निर्मित धारावाहिक कोप्पा के रूप मे सामने आया जिसका प्रसारण डी.डी.नेशनल चैनल पर हो रहा है। जिसका शीर्षक गीत साहिल सुलतानपुरी ने लिखा है।
साहिल ने रमेश सिप्पी जैसे बड़े फिल्म निर्माता के साथ काम करने के अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि मैं ही क्या किसी भी गीतकार के लिए रमेश सिप्पी जी के साथ काम करना किसी सपने के सच होने से कम नहीं बल्कि गर्व की बात है। उनके लिए लिखने से लेकर गाना रिकार्ड होने के दरम्यान मुझे उनसे काफी कुछ सीखने को मिला। सच में उनके पास काम करने के अनुभव का बड़ा अनमोल खज़ाना है। मुझे उनके बड़ी सरलता से किसी भी चीज को समझा देना। बड़े इत्मिनान से हर बात को सुनकर उसका हल निकाल देना। उनकी यही तमाम खूबियां फिल्म शोले, शान और सीता गीता में नजर आती हैं। उनके व्यवहार ने कभी महसूस नहीं होने दिया कि मै इतने महान फिल्मकार के साथ काम कर रहा हूं।
धारावाहिक के शीर्षक ‘कोप्पा’ के बारे में बताते हुए साहिल ने कहा कि यही सवाल मैने इसके लेखक धीरज मिश्रा से किया था तो उन्होंने बताया कि ये एक फूल का नाम है जो असम की ख़ूबसूरत वादियों में पैदा होता है। इसी फूल के नाम पर हमारी नायिका का नाम भी है। ये हमारी नायिका के संघर्षमय जीवन की कहानी है। जो पुरुष प्रधान समाज में अपना स्थान ख़ुद बनाती है। ये उसकी जि़न्दगी के संघर्षमय सफर की लम्बी दास्तान है।
इन दिनों साहिल द्वारा लिखा एक और गीत जान लेजा बाकी है काफी चर्चा में है। जिसे वरदान सिंह ने गाया और संगीतबद्ध किया है।