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शासन की योजनाओं में फिसड्डी साबित हुआ जनपद का स्वास्थ्य विभाग

जननी सुरक्षा योजना में भी लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका स्वास्थ्य विभाग

के सी पाठक
सुल्तानपुर, नवसत्ता: शासन की महत्वपूर्ण योजनाओ का लाभ जनता को स्वास्थ विभाग या तो सही से प्रचार प्रसार के अभाव में नही बता आप रहा है या फिर जानबूझ कर आंखे बन्द कर रखी है।

आंकड़े बताते है कि जनपद में जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत कुल 57968 संस्थागत प्रसव लक्ष्य के सापेक्ष 4226 संस्थागत प्रसव विभिन्न केंद्रों पर हुए जिसमे से मात्र 3942 संस्थागत प्रसव सरकारी स्वास्थ इकाइयों पर एवं 284 प्रसव निजी चिकित्सालयों पर हुए है। जिसमे भी मात्र 53 लाभार्थियों को ही जननी सुरक्षा योजना का भुगतान हो सका है।

इसी क्रम में परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 284 महिला नसबंदी के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 46 महिलाओ की नसबंदी ही हो पाई पुरुष नसबन्दी का लक्ष्य 46 था जिसमे से एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं हो सकी स्वास्थ विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम के अंतर्गत 4794 आंगनबाड़ी केंद्रों एवं 2404 विद्यलयों का आर वी एस के टीमो द्वारा भ्रमण कर बच्चो का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना था, परंतु उसकी उपलब्धि भी शून्य रही वजह कोरोना संक्रमण के खतरे को बताया गया। इसी तरह से आशा योजना में जनपद में कुल 2556 आशाओं के पद सृजित है जिसके सापेक्ष मात्र 2523 आशाये कार्यरत है।

कुल 4740 आशा केसों का जे एस वाई के अंतर्गत भुगतान किया जाना था जिसके सापेक्ष मात्र 781 आशा केसों का ही भुगतान स्वास्थ विभाग द्वारा हो पाया है। नियमित टीकाकरण योजना में कुल 70904 बच्चों को टीको से पूर्ण प्रतिरक्षित करना था।

जिसके सापेक्ष मात्र 4143 बच्चों को ही टीकों से प्रतिरक्षित किया जा सका। इसी क्रम में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत 2295 बच्चो का नेत्र परीक्षण होना था जिसकी उपलब्धि भी शून्य रही राष्ट्रीय टी. बी. नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 4300 रोगियों को खोजने का लक्ष्य था। जिसके सापेक्ष जनपद में मात्र 217 रोगी ही खोज में आ सके।

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