Navsatta
खास खबरदेशराजनीतिराज्यशिक्षा

मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण को लेकर मायावती का तंज, चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला

लखनऊ,नवसत्ता : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस एवं दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए आरक्षण का फैसला चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया है।

मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा- देश में सरकारी मेडिकल कालेजों की आल-इण्डिया की यूजी व पीजी सीटों में ओबीसी कोटा की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम। केन्द्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इनको अबतक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है। मायावती ने कहा कि वैसे बीएसपी बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किन्तु केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित व कल्याण के प्रति लगातार उदासीन ही बनी हुई हैं, यह अति दु:खद है।

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने मेडिकल कोर्सेज में ऑल इंडिया कोटा स्कीम के तहत आरक्षण का फैसला किया है। इससे हर साल हमारे हजारों युवाओं को लाभ होगा। इस फैसले से करीब 5550 छात्रों को लाभ होगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि सरकार पिछड़ा और ईडब्लूएस वर्ग दोनों के लिए उचित आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। हर साल एमबीबीएस में करीब 1500 ओबीसी स्टूडेंट्स और पोस्टग्रेजुएट में 2500 ओबीसी छात्रों को फायदा हो सकता है। इसी तरह एमबीबीएस में करीब 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों और पोस्ट ग्रेजुएशन में 1000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को लाभ हो सकता है।

संबंधित पोस्ट

लाभार्थी वर्ग के बूते पीएम मोदी को 80 में 80 का गिफ्ट देंगे सीएम योगी

navsatta

ब्लैक फंगस से बचने के लिए बरतें जरूरी सावधानी

navsatta

दामाद सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर गर्व: नारायण मूर्ति

navsatta

Leave a Comment