Navsatta
आस्थाखास खबरदेशराजनीतिराज्य

गुरु पूर्णिमा पर टूटे कोविड नियम, प्रशासन का ‘सांकेतिक स्नान’ का दावा फेल

हरिद्वार,नवसत्ता : उत्तराखंड में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के दौरान श्रद्घालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। जिसमें न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सका और न ही निगेटिव रिपोर्ट कैरी करने का नियम पुख्ता चला। हालांकि इससे पहले जिला प्रशासन ने दावा किया था कि इस मौके पर केवल सांकेतिक स्नान ही करवाया जाएगा और कोविड संबंधी सभी नियमों का पालन हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

बता दें कि कल से कांवड़ यात्रा शुरू होगी, लेकिन उत्तराखंड के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश ने भी इस यात्रा को रद्द किया। ऐसे में कांवडिय़ों को बॉर्डर पर ही रोके जाने के आदेश प्रशासन ने दिए। सुरक्षा की दृष्टि से यह नियम है कि किसी भी श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट न होने पर प्रवेश न दिया जाए। यही नियम प्रशासन ने गुरु पूर्णिमा स्नान के लिए भी लागू किया और शनिवार को इसका सख्ती से पालन करवाए जाने का दावा किया था। लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

जिला प्रशासन ने हिदायतों में कहा था कि सांकेतिक स्नान में सिर्फ श्री गंगा सभा और तीर्थ पुरोहित की भागीदारी को अनुमति होगी। अन्य श्रद्धालुओं को निगेटिव रिपोर्ट के बगैर अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन ये सभी दावे हवा हवाई साबित हुए जब आज हजारों श्रद्धालु अनेक घाटों पर देखे गए। एक खबर में तस्वीरें भी जारी करते हुए कहा गया कि दावों के उलट भारी भीड़ गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार पहुंचकर स्नान किया और किसी नियम का पालन नहीं हुआ।

वहीं कल से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को इस साल रद्द किए जाने के बावजूद कांवडिय़ों को रोकना हरिद्वार प्रशासन के लिए चुनौती माना जा रहा है। वास्तव में हुआ ये कि कांवडिय़ों ने वाहनों से हरिद्वार की तरफ रुख किया तो श्यामपुर बॉर्डर से उनकी पांच गाडिय़ों को एंट्री नहीं दी गई। एक खबर में कहा गया है कि नारसन, श्यामपुर, भगवानपुर और चिडिय़ापुर की तरफ से आ रहे करीब 120 वाहनों को हरिद्वार में प्रवेश नहीं दिया गया। कांवडिय़ों के प्रवेश को लेकर सख्ती बरती गई है और हरिद्वार प्रशासन ने बॉर्डर सील करने के दावे किए हैं। लेकिन, गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दावे नाकाम साबित होने के बाद इन दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि सावन मास शुरू होने के चलते भी श्रद्धालु तीर्थों और नदियों की तरफ रुख कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के सामने आने वाले हफ्ते में भीड़ को काबू करना बड़ी चुनौती साबित होने वाली है।

Posted By : Ruchi Mishra

संबंधित पोस्ट

प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर ममता के खिलाफ भाजपाइयों का धरना प्रदर्शन मात्र औपचारिकता

navsatta

नायडू ने दी नववर्ष की शुभकामनायें

navsatta

सवर्णों के लिए कितना कठिन है इडब्लूएस श्रेणी में आरक्षण पाना,यहां जानिए इस श्रेणी में आरक्षण का पूरा गणित

navsatta

Leave a Comment