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कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उपमुख्यमंत्री से कोचिंग खोलने की मांगी अनुमति

शिक्षा के क्षेत्र में 18 फीसदी जीएसटी वसूली का उठाया मुद्दा, यह 5 फीसदी होने से अभिभावकों पर वित्तीय बोझ होगा कम

लखनऊ,नवसत्ता : देश के शिक्षण संस्थानों की ओर से कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मिलकर कोचिंग संस्थान फिर से खोलने की अनुमति मांगी है। सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव आलोक दीक्षित ने उन्हें शिक्षकों की दुर्दशा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को हो रहे नुकसान से अवगत कराया।
उपमुख्यमंत्री ने उन्हें प्राथमिकता के आधार पर इस दिशा में शीघ्र कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया और बताया कि इस गंभीर मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी चर्चा की जाएगी।

कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने बताया कि महामारी के कारण शिक्षा क्षेत्र को आर्थिक, मानसिक और भौतिक हर दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पिछले डेढ़ साल के दौरान शिक्षकों की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गई कि कई शिक्षकों के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया। हालांकि मौजूदा हालात में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, लेकिन सिर्फ मेट्रो शहरों में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्धता और साधन संपन्न छात्र और शिक्षक ही इसका लाभ उठा रहे हैं। ग्रामीण और दूरदराज के छात्र इस सुविधा से वंचित हो रहे हैं।

सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव आलोक दीक्षित ने बताया, उपमुख्यमंत्री से मिलकर हमने यह भी अनुरोध किया कि सभी शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करते हुए उनके टीकेकरण को प्राथमिकता देने सहित इससे जुड़ी सभी सुविधाएं उन्हें दी जाए। इसके अलावा शिक्षा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने के बजाय इसे 5 फीसदी किया जाए ताकि छात्रों और अभिभावकों पर ज्यादा वित्तीय बोझ न पड़े।

उन्होंने कहा, देश में 7.25 लाख से ज्यादा पंजीकृत कोचिंग संस्थान हैं और इनसे करीब 50 लाख शिक्षक और कर्मचारी जुड़े हुए हैं। इसके अलावा देश के 5 करोड़ लोग ट्यूशन या अन्य किसी तरीके से रोजी-रोटी के लिए शिक्षा उद्योग पर ही निर्भर हैं। लिहाजा हम राज्य और केंद्र सरकारों से अनुरोध करते हैं कि कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने की अनुमति दी जाए ताकि छात्र-शिक्षक आमने-सामने होकर शिक्षण कार्य को सुचारु रख सकें। साथ ही बेरोजगार लाखों शिक्षकों की आजीविका को ध्यान में रखा जाए। इसके लिए कोविड से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल पालन की शर्तें भी रख सकते हैं ताकि इस महामारी से सभी सुरक्षित रह सकें।

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