रुचि मिश्रा
रायबरेली,नवसत्ता : महिला जिला अस्पताल के हालात बदतर हैं। यहां अघोषित बिजली कटौती के बीच वैकल्पिक व्यवस्था मजाक बन गई है। यहां बीती रात की तस्वीरें भयावह हैं। एक घंटे की बिजली कटौती न केवल मरीजों पर भारी रही बल्कि प्रशासनिक कार्य भी टॉर्च की रौशनी में सम्पन्न हुआ। रायबरेली जिला अस्पताल का यह नजारा भयावह है। यहां एक घंटे बिजली नदारद रही जिससे मरीज बेहाल हो गए। गर्भवती महिलाएं और अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित मरीज इस उमस भरी गर्मी पसीना बहाने को मजबूर हैं। कहने को यहां इन्वर्टर है और लाखों की लागत से लगा जनरेटर भी, लेकिन बिजली जाने पर यहां कायम हो जाता है अंधेरे का साम्राज्य।
इतने के बावजूद महिला अस्पताल की मुखिया रेनू चौधरी कहती हैं बिजली जाने पर न तो यहां टॉर्च की रौशनी में काम होता है और न कोई गर्मी से बेहाल होता है क्योंकि इन्वर्टर का कनेक्शन हर वार्ड में है। वह कहती हैं फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था है और आने वाले समय में अस्पताल के पास समर्पित लाइन व्यवस्था होगी। जिसके लिए एप्रूवल मिल चुका है।
करोड़ों का मेंटेनेंस बजट और हर महीने लाखों की तनख्वाह के बावजूद अगर व्यवस्था ऐसी है तो यकीनन इसके लिए जिम्मेदार सिस्टम ही है।