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दवा के साथ अच्छे व्यवहार का होता है जादुई असर :डॉ मनीष मिश्रा

एमडी करने के बाद मैं बेंगलुरू में क्लिनिकल कार्डियोलॉजी में डिप्लोमा कर रहा था। एक दिन एक बुजुर्ग महिला मेरे पास इलाज के लिए आयीं। उनके सीने में तेज दर्द हो रहा था। मेरे इलाज शुरू करने के दौरान ही डबडबाई आंखों से उन्होंने कहा कि बेटा जिस तरह तुमने मेरा हाल पूछा उससे ही मेरा सारा दर्द गायब हो गया।
गरिमा
रायबरेली,नवसत्ता: डॉक्टर्स डे की  विशेष श्रृंखला में आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं डॉक्टर मनीष मिश्रा से। अपनी नानी के सपने को पूरा करने के लिये वे कार्डियोलॉजिस्ट बने।  डॉ. मनीष ने बताया कि जब मेरा जन्म हुआ तो मेरी नानी जी ने कहा कि मेरा नाती बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और हम सब का इलाज करेगा। माता पिता ने जब नानी के सपने के बारे में उन्हें बताया तो उन्होंने यह प्रण किया कि वह अपनी नानी का यह सपना जरूर पूरा करेंगे। डॉ मनीष ने अत्यधिक परिश्रम के साथ मेडिकल की तैयारी की और एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन की ओडेसा स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया । वहीं से उन्होंने एमडी फिजीशियन भी किया। फिर सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु से क्लिनिकल कार्डियोलॉजी में डिप्लोमा किया। उसके बाद अपोलो हॉस्पिटल से कार्डियॉक रिहैबिलिटेशन में फेलोशिप की। डॉ मनीष आजकल यहां के जाने माने चिकित्सक हैं। कॉलेज टाइम के यादगार लम्हे के बारे में बताते हुए डॉ मनीष ने कहा कि जब वे बेंगलुरु में डिप्लोमा कर रहे थे तब एक बुजुर्ग महिला जिनके सीने में बहुत ज्यादा तकलीफ थी का इलाज करने के दौरान उस महिला ने उन्हें देखकर कहा कि बेटा जिस प्रकार तुमने मेरा हाल पूछा मेरा तो सारा दर्द ही चला गया। तो वह इस घटना को कभी नहीं भूल पाते। उनका कहना है कि यदि डॉक्टर मरीज से प्यार से बात करें तो उसकी आधी तकलीफ ऐसे ही दूर हो जाए।
 डॉ मनीष ने कहा कि उनकी रैगिंग कभी नहीं हुई और जब वे सीनियर हुए तो उन्होंने भी अपने जूनियर की रैगिंग कभी नहीं की। मेडिकल जीवन की चुनौतियों के बारे में डॉ. मनीष कहते हैं कि उनके क्षेत्र में हर केस चुनौतीपूर्ण ही होता है क्योंकि हार्ट अटैक की स्थिति सबसे ज्यादा कठिन होती है। उस वक्त समय रहते इलाज मिल गया तो जिंदगी बच सकती है,नहीं तो मुश्किल ही होता है। उस समय जब हार्ट रेट 250 के ऊपर हो जाता है तो एक दवा होती है जिसे देने पर ही रेट 100 से कम हो पाता है।
डॉ. मनीष का कहना है कि मैं लोगों से यही अपील करूंगा कि आज के समय में जब देश और दुनिया एक वैश्विक महामारी का सामना कर रहा है तो उस समय हम सभी को हर तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। मास्क सेनेटाइजर व सामाजिक दूरी का पालन अवश्य करें। कहीं भी जाएं तो अपना कार्य 10 मिनट के अंदर ही करने की कोशिश करें। 30 मिनट से ज्यादा कहीं भी ना रुकें। क्योंकि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने में कम से कम 30 मिनट लगते हैं। सावधानी बरतें। सुरक्षित रहें एवं स्वस्थ रहें।

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