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जिस अस्पताल में जन्मे, उसी में सेवारत हैं सर्जन डॉ गुलाम नबी

कॉरोना योद्धा के रूप में प्रसिद्ध हैं जिला चिकित्सालय देवरिया के सर्जन

 एमबीबीएस फाइनल ईयर में दोस्तों के साथ ऑटो से कहीं जा रहा था तभी आगे चल रहा ऑटो अचानक पलट गया और उसमें बैठी सवारियां घायल हो गईं। हमने दोस्तों के साथ मिलकर उनका वहीं इलाज किया। उसके बाद उन्हें अस्पताल ले गए। जिससे सभी की जान बच सकी।
विपिन कुमार शर्मा
देवरिया,नवसत्ता: जिला अस्पताल देवरिया के सुप्रसिद्ध सर्जन डॉ गुलाम नबी एक कोरोना योद्धा के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। जिला अस्पताल में जबसे उन्होंने कार्यभार ग्रहण , तब से बिना अवकाश लिए कोरोना काल में भी दिन-रात मेहनत और लगन के साथ मरीजों का इलाज करते रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर मरीजों कि मदद करने में भी पीछे नहीं हटते।
डॉक्टर्स डे की विशेष सीरीज के लिए मुलाकात के दौरान डॉ गुलाम नबी से उनके ही कई अनसुने किस्से उन्ही की जुबानी सुनने को मिले। देशभक्ति और देशसेवा के जज्बे ने उन्हें डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया। जीवन में कुछ बनने का प्रेरणास्रोत अपने पिता को मानते हैं। लेकिन अपने डॉक्टर बनने में प्रेरणास्रोत अपने बड़े भाई शहर के सुप्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर गुलाम रसूल को मानते हैं।
रामपुर कारखाना के मूल निवासी डॉक्टर गुलाम नबी जब हाई स्कूल में पढ़ते थे, तो उनका आईएएस बनने का सपना था। लेकिन जब वे इंटर में पढ़ रहे थे तो उन्हें लगा कि भारत के जनसंख्या के हिसाब से देश में डॉक्टरों कि बहुत किल्लत है। फिर उन्होंने 2010 केजीएमयू लखनऊ में एमएमबीएस में प्रवेश लिया। कड़ी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई पूरी करके 2015 में एमएमबीएस की पढ़ाई पूरी की। 2019 में तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद से एमएस की पढ़ाई पूरी की और तीन माह तक वही उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में सेवा दी। फिर जनवरी 2020 में जिला अस्पताल देवरिया में सर्जन के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हो गया और डॉ गुलाम नबी बिना अवकाश लिए मरीजों का इलाज करते रहें।
सबसे बड़ा दिलचस्प बात यह है कि डॉ गुलाम नबी ने उसी अस्पताल से अपना सेवा कार्य शुरू किया जिस अस्पताल में उनका जन्म हुआ था। यानी जिला अस्पताल देवरिया उनका जन्मभूमि भी है।
बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वे एमबीबीएस फाइनल ईयर में पढ़ रहे थे तो अपने दोस्तों के साथ ऑटो से कहीं घूमने जा रहे थे तो उनके आगे एक ऑटो डिवाइडर से टकरा कर पलट गया। जिसमें बैठे यात्री सड़क पर गिर गए और घायल हो गए। तब दोस्तों के साथ मैंने तुरंत सीपीआर (जीवन रक्षक प्रक्रिया) किया । उसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। दवा होने के बाद वे सुरक्षित घर गए।
मेडिकल क्षेत्र में सेवा के दौरान घटी घटना के बारे में पूछा गया तो  उन्होंने कहा कि जब से मैंने कार्य भार ग्रहण किया , तभी से कोरोना काल चला आ रहा है और इस काल में अनगिनत अविस्मरणीय घटनाएं हुई है। जिसको मै बयां नहीं कर पा रहा हूं।

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