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वर्ल्ड कप अंडर 19 के लिए चुने गए फुटबॉलर शुभो पॉल

नई दिल्ली, नवसत्ता: बंगाल के रहने वाले 17 साल के फुटबॉलर शुभो पॉल को बायर्न म्यूनिख के वर्ल्ड कप अंडर 19 मे चुना गया है। पाल इस समय दिल्ली एफसी टीम के कप्तान हैं।
भारत में लगभग हर युवा फुटबॉलर कप्तान सुनील छेत्री को अपना आदर्श मानते हैं। वह भारत के वही सबकुछ करने का सपना देखते हैं जो छेत्री ने किया है। बंगाल के रहने वाले 17 साल के शुभो पॉल की सोच थोड़ी अलग है। उन्हें लगता है कि वह सुनील छेत्री से भी बेहतर फुटबॉलर बन सकते हैं।
बुदेंसलीगा की चैंपियन टीम बायर्न म्यूनिख पूरी दुनिया से 15 खिलाडिय़ों को अपने अंडर19 वर्ल्ड कप टीम में शामिल किया गया है। वर्ल्ड कप विजेता क्लॉस ऑगेनथेलर ने 64 देशों के 1200 खिलाडिय़ों में से 15 खिलाडिय़ों को चुना है जिसमें शुभो पॉल शामिल हैं। यह सभी खिलाड़ी जल्द ही अकेडमी में ट्रेनिंग के लिए रवाना होंगे। शुभो पॉल के पास बुंदेसलीगा के साथ कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने का भी मौका होगा।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं बहुत खुश हूं और सच कहूं तो मुझे भरोसा नहीं हो रहा है। मुझे पता भी नहीं था कि अनुज सर ने मेरा नाम भेजा है। मेरे लिए सरप्राइज था। अनुज आई लीग क्लब के सुदेवा दिल्ली एफसी के मालिक हैं। उन्होंने माना कि जब शुभो साल 2016 में उनके क्लब से जुड़े थे वह तभी से उनके अंदर की प्रतिभा को पहचान गए थे और उन्हें उम्मीद थी कि शुभो बहुत आगे बढ़ेंगे। शुभो दिल्ली एफसी के कप्तान हैं। शुभो के पिता एक मिल काम करते है। वहीं उनके भाई ने अपना फुटबॉल खेलने का सपना छोड़ दिया ताकि शुभो की जरूरतें पूरी कर सकें। शुभो के लिए उनका भाई ही सबसे बड़ी प्ररेणा हैं। उन्होंने कहा, ‘दादा ने मेरे लिए जो त्याग किए हैं उसी के कारण मैं यहां तक पहुंचा हूं। मेरे लिए उन्होंने अपना सपना छोड़ दिया। अब मैच चाहता हूं कि मैं उन सबको गर्व करने का मौका दूं।
शुभो का मानना है कि वह जिस तरह खेल रहे हैं वह एक दिन सुनील छेत्री से भी बेहतर खिलाड़ी बनेंगे। उनका सपना है कि वह एक दिन बायर्न म्यूनिख म्यूनिख की सीनियर टीम के लिए खेलें। उन्होंने कहा, ‘जब मैं मीटिंग के दौरान मुझे अपने सेलेक्शन के बारे में पता चला तो मैं काफी हैरान था। सभी मेरे तालियां बजा रहे थे। मैं चाहता हूं कि एक दिन मैं बायर्न म्यूनिख म्यूनिख की सीनियर टीम के लिए खेलूं, हालांकि मैं जानता हूं कि यह आसान नहीं होगा। मेरे परिवार और दोस्तो को यकीन है मैं ऐसा कर सकता हूं। शुभो मे बताया कि शुरुआत में एक लोकल फुटबॉल ट्रेनिंग ग्राउंड में जाकर बच्चों को खेलते हुए देखते थे। एक दिन कोच ने उनसे पूछा कि वह सिर्फ देखते हैं खेलते क्यों नहीं। शुभो के पास उस समय जूते नहीं थे वह एक टी शर्ट पहनकर नंगे पैर खेलने लगे और कई दागे। इसके बाद कोच ने उन्हें जूते और पूरी किट तोहफे में दी। अंडर13 आलीग के पहले सीजन में पॉल ने 14 मैचों में 58 गोल दागे थे। इसके बाद उन्हें अंडर-15 के नेशनल कैंप में चुना गया।

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