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सचिन पायलट ने महासचिव बनने का प्रस्ताव ठुकराया

गहलोत और पायलट खेमे में खींचतान बढ़ी

नई दिल्ली, नवसत्ता: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन अभी खत्म नहीं हुई।
इस समय प्रियंका गांधी से मिलने के लिए सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटारसा और प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी राष्ट्रीय राजधानी में बने हुए हैं। लेकिन अभी तक उनकी न तो प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई और न ही सोनिया गांधी से।
इस बीच सचिन पायलट को महासचिव बनने का ऑफर दिया गया लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट लगातार सीएम पर दबाव बना रहे हैं कि उनके तीन विधायकों को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए जिन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। सचिन पायलट का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत ने इस बारे में उनसे वादा भी किया था लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी विधायकों की मंत्रिमंडल में वापसी नहीं हुई।
माना जा रहा है कि सीएम पर भी इस समय जमकर दबाव है और जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार राजस्थान में देखने को मिल सकता है। अगर मंत्रिमंडल में नजर डाले तो इस समय सीएम को छोड़कर दस कैबिनेट और दस राज्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल में 30 मंत्री रख सकते हैं इस हिसाब से अशोक गहलोत सरकार में 9 मंत्री पद खाली है। गहलोत और पायलट ग्रुप के बीच इसी नौ खाली पदों को लेकर है।

Posted By: Ruchi Mishra

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