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योगी मंत्रिमंडल में आधा दर्जन मंत्री हो सकते हैं शामिल

मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर, आज-कल में स्थिति होगी स्पष्ट

लखनऊ,नवसत्ता: बिना आग धुंआ कभी नहीं उठता है। बीते कई दिनों से योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें फेरबदल की चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है। प्रदेश की राज्यपाल का मध्यप्रदेश के कार्यक्रम रद्द कर लखनऊ आ जाना चर्चा को और बल दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार शाम राज्यपाल से भेट भी की, इसके भी खास मायने हो सकते हैं। यह बात और हैं कि कोई अहम किरदार मुँह खोलने को तैयार नहीं है। एक दो ने तो इसे ख्याली पुलाव कहकर छुट्टी ले ली। एक दिन तो यह भी सुगबुगाहट होने लगी कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली बुलाया गया है। हालांकि इस बात को खुद डिप्टी सीएम ने नकारते हुए कहा कि वे तो लखनऊ में ही है।

इधर सीएम और उनकी टीम के ज्यादातर मेंबर कोरोना से ही जिलों में जूझ रहे हैं। हालात सामान्य बनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ एक एक दिन में दो दो तीन तीन जिलों में व्यवस्था देखने पहुंच रहे हैं। गुरुवार को ही वे सिद्धार्थनगर और बस्ती जिले में कोरोना और ब्लैक फंगस को लेकर अफसरों और डॉक्टरों के साथ अस्पतालों के जायजा लेने पहुंचे। दूसरी तरफ दिल्ली में हुए मंथन को भी नकारना मुनासिब नहीं है। जबसे वीआरएस लेकर गुजरात कैडर के आईएएस अरविंद कुमार शर्मा यूपी आये और एमएलसी बने हैं, तभी से उनके कद के अनुसार कोई ओहदा तलाशा जाने लगा था। पीएम मोदी के पसंदीदा होने के नाते वाराणसी और आसपास के जिलों में खासा दखल है उनका, बनारस में तो कोरोना से निपटने की पूरी रणनीति उन्हीं की काम कर रही है और रिजल्ट भी बेहतर दिये हैं।

चर्चा फिर गरमा गई है कि योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल और कुछ नये जनप्रतिनिधियों को मौका मिल सकता है। क्या योगी सरकार का होगा विस्तार,यह प्रश्न फिर उठ गया है। मध्य प्रदेश के कार्यक्रम निरस्त करके प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन लखनऊ पहुंच गई हैं। इसी के साथ कहने वाले कहने लगे हैं कि यूपी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई हैं। विस्तार तो होगा, लेकिन कब यह किसी को नहीं पता। मिशन-2022 सिर पर है। फरवरी मार्च में असेंबली इलेक्शन हो सकते हैं। चुनाव के मद्देनजर और शर्मा जी को जिम्मेदारी देने की खातिर प्रदेश मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार 28 या 29 मई के बीच में हो सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार का समय और तारीख अभी फाइनल नहीं है, लेकिन तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व आईएएस एके शर्मा को डिप्टी सीएम बनना तय है। केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान सौंपते हुए ओबीसी चेहरे के साथ भाजपा चुनाव में जा सकती है। केशव मौर्य के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते सत्ता हासिल हुई थी। अब उनको फिर से उसी भूमिका में रखने के बारे में हाईकमान सोच सकता है। बीजेपी में कब किसे किस जगह फिट कर दिया जाय कहा नहीं जा सकता। 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था। यूपी में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। 3 नए चेहरों के साथ राज्यमंत्री को मिलाकर 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और 11 विधायक को राज्य मंत्रियों को उत्तर प्रदेश सरकार में जगह दी गई थी। मौजूदा समय में योगी सरकार के मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्य मंत्री हैं। इस तरह से यूपी सरकार में फिलहाल कुल 54 मंत्री हैं, जिसके लिहाज से 6 मंत्री पद अभी भी खाली है। कोरोना महामारी में कोरोना से उपजे असंतोष और पंचायत चुनाव में संतोषजनक नतीजा न आने और कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस का आंकलन के बाद से भाजपा की चिंता अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ गई है। सूबे के विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने का समय बाकी है। यदि विस्तार हुआ तो आधा दर्जन मंत्री और शपथ ले सकते हैं।

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