Navsatta
राजनीति

आखिर दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की नौबत क्यों आयी: प्रियंका

लखनऊ, नवसत्ता : कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से सवाल किया है कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से वैक्सीन माँगने की स्थिति में क्यों आ गया और सरकार इसे उपलब्धि की तरह क्यों प्रस्तुत कर रही है।

 

श्रीमती वाड्रा ने भाजपा सरकार को घेरने के लिये शुरू किये गये ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत फेसबुक वाल पर पोस्ट किया कि पिछली 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से भाषण में कहा था कि उनकी सरकार ने वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। देश के वैक्सीन उत्पादन और वैक्सीन कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए ये विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी। आखिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को स्थापित कर भारत के वैक्सीन कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी।

 

इन उपलब्धियों को जानकर देश निश्चिंत था कि वैक्सीन की समस्या नहीं आएगी मगर कड़वी सच्चाई है कि महामारी की शुरूआत से ही, भारत में वैक्सीन आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गई। इसके चलते आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत अन्य देशों से वैक्सीन के दान पर निर्भर हो गया है और वैक्सिनेशन के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया है। आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11 प्रतिशत हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज़ और तीन फीसदी को फुल वैक्सीनेशन नसीब हुआ है। श्री मोदी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में वैक्सीनेशन में 83 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

 

श्रीमती वाड्रा ने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े देशों ने पिछले साल ही उनकी जनसँख्या से कई गुना वैक्सीन आर्डर कर लिए थे मगर मोदी सरकार ने पहला आर्डर जनवरी 2021 में दिया वह भी मात्र एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का जबकि हमारी आबादी 130 करोड़ है। इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ़्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी।

सरकार ने एक मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के आर्डर दिए जिससे केवल 14 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन लगाना संभव है। सरकार को इस बारे में देश की जनता को जवाब देना चाहिये।

With Input : UNI

 

Posted By : Garima

संबंधित पोस्ट

काशी की जनसभा में बोले मोदी- यूपी के लोग परिवारवादी नहीं चाहते, भाजपा बनाएगी सरकार

navsatta

चौथे चरण का थमा प्रचार, गिरिराज, खुर्शीद समेत कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर

Editor

Delhi Liquor Policy: मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन, कई नेता हिरासत में

navsatta

Leave a Comment