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मुझे जगाने की जरूरत नहीं…. – भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह

 

जनता बोली : हम उनके साथ की आस लगाए थे बहानों की नहीं

अक्षय मिश्रा

रायबरेली, नवसत्ता : तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं या दावे किताबी है शायर अदम गोंडवी का सत्ता धारियों पर यह तंज आज के हालातों को देखते हुए सरेनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह पर सटीक बैठता है। महामारी की समस्या में लोग ऑक्सीजन की अभाव से प्रतिदिन जनपद के लालगंज में बने एल 2 हॉस्पिटल में कितने लोग जान गवां चुके तो वहीं सरेनी विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह के अनुसार अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है, एक तरफ तो उनका दावा है कि वो 24 घंटे अपने फोन के माध्यम से जनता की सेवा में लगे हुए है तो वहीं दूसरी उनको ऑक्सीजन किल्लत से जूझ रही जनता की समस्या तक नहीं पता। जहां एक तरफ वो ये दावा करते है कि वो जनता की विपत परिस्थितियों में लगातार मदद कर रहे हैं तो वहीं एल 2 में तड़प रहे मरीजों के तीमारदार के बयान कुछ अलग आरोप जारी कर रहे है। माया देवी नाम की मरीज के तीमारदार से जब बातचीत हुई तो उन्होंने विधायक को नकारा साबित करते हुए बताया कि उनसे मदद मांगी थी मैंने लेकिन वह किसी काम के नहीं है उनके कहने से डॉक्टर देखने तक नहीं आया तो क्या उम्मीद रखे।

वही जब लालगंज कस्बा निवासी रेनू गुप्ता की मां कोरोना होने के चलते उनको एल 2 अस्पताल में काफी मशक्कत के बाद भर्ती तो करवा लिया लेकिन पूरी तरह स्वास्थ्य सुविधाएं ना उपलब्ध होने पर उन्होंने आसा भरी उम्मीद से सरेनी विधायक को फोन लगाकर मदद मांगनी चाही तो उन्होंने सिर्फ आश्वासन दिया लेकिन मदद के नाम सब की तरह उन्हें भी हरी झंडी ही मिली। लोगो मानना है कि आश्वासन देने से मदद नहीं होती इसके लिए काम दिखना भी चाहिए,लोगो को आश्वासन देकर भ्रमित तो कर रहे है लेकिन इसका खामियाजा आने वाले वक्त में भुगतना पड़ेगा। आपको बता दे कोरोना संक्रमण इस वक्त अपना विकराल रुप रख चुका है। लगातार चल रहे मौत के तांडव की वजह से लोगों के जहन में डर कि लक्ष्मण रेखा सी खींच गई है। दिन प्रतिदिन मर रहे मरीजों कि वजह से जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है, पर कुछ सत्ताधारी सत्ता के मद में चूर घरों में दुबके बैठे है कोई भी समाज सेवी इस विपट परिस्थिति में जनता के बीच नहीं दिख रहा है। कोई ऑक्सीजन सिलेंडर तो कोई बेड कि कमी तो किसी को सही उपचार ना होने से लोग मर रहे हैं, यहां तक कि मरने के बाद तीमारदारों को मृत शरीर की लाश ले जाने के लिए एंबुलेंस तक समय पर नहीं उपलब्ध है तीमारदार पांच – पांच घंटे इंतजार करने के बाद थक हार कर निजी साधनों का प्रयोग कर के मृत शरीर को के जाते है जबकि कोरोना पेशेंट के मृत शरीर पर सरकार व प्रशासन द्वारा तमाम प्रोटोकॉल निर्धारित किए गए हैं। इन्हीं सब कारणों से जब महामारी में गायब विधायक धीरेंद्र सिंह को नवसत्ता संवादाता ने फोन घुमाया तो सरेनी विधायक धीरेंद्र ने बताया कि मैं निरंतर सरेनी विधानसभा की जनता का फोन उठा कर के उनकी मदद के लिए कार्य कर रहा हूं। मेरे द्वारा उनकी मदद के लिए आला अधिकारी व अफसरों से बात करके उनकी मदद करने का प्रयास किया जा रहा है। फिर भी कहीं ना कहीं समस्याएं आ रही हैं, इसका निदान मैं जल्द ही करूंगा वह उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी व बेटी कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से वह खुद को क्वॉरेंटाइन किए हुए हैं, फिर भी उनकी सरेनी क्षेत्र की जनता के प्रति संवेदनाएं हैं, जिसकी वजह से वह लोगों का फोन उठाकर उनकी मदद के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। उनसे जब यह पूछा गया कि विधायक निधि सरेनी की जनता की कुछ मदद की जा सकती है उस पर आपका विचार क्यों नहीं गया तो उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में मै सीडीओ से बात कर चुका हूं जल्द ही इस पर कार्य होगा। जब पत्रकार द्वारा उनसे यह सवाल किया गया कि इस विकट परिस्थिति पर वह अपने अपने प्रतिनिधियों का सहारा लेकर के सरेनी की जनता की मदद करें तो उन्होंने बताया कि मेरा कोई प्रतिनिधि नहीं है। अब अब देखना यह होगा कि विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह इतना सब होने के बाद भी जगते हैं या फिर इस घमंड में रहते हैं कि मुझे कोई जगाए ना।

मेरा कोई प्रतिनिधि नहीं है, पर क्या बोली जनता

विधायक जी के इस बयान पर, मेरा कोई प्रतिनिधि नहीं है इस पर जनता के लोगों ने कई तरह की बातें बताई लोगों का कहना है कि ठेकेदारी देने के लिए उनके प्रतिनिधि बन जाते हैं शादी के कार्ड में उनके प्रतिनिधि रहते हैं लेकिन जनता की संकट की घड़ी के समय उनके प्रतिनिधि ही नहीं है। ऐसे झूठे नेता को हम सब नकार रहे हैं नाम न छापने की शर्त पर सरेनी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने बताया कि सरेनी में अबकी बार चुनाव के समय हमारे गांव में व सरेनी क्षेत्र की जनता द्वारा गली-गली पोस्टर चिपकाए जाएंगे वह उनको एहसास कराया जाएगा कि कोरोना काल में जिस प्रकार वे जनता से दूरियां बनाए है। उसी प्रकार अब वह वोट मांगने यहां ना आए जिससे कि इन्हें एहसास होगा कि इस विकट परिस्थिति में जनता के बीच ना होकर उन्होंने गलत किया।

फोन से सरेनी विधानसभा की जनता की निरंतर कर रहा हूं मदद : क्या बोली जनता

मैं फोन से लगा था श्रेणी विधानसभा की जनता से बात करके उनकी मदद कर रहा हूं, विधायक के इस वक्तव्य पर क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस महामारी के समय में सरेनी की जनता विधायक को पुकार रही है लेकिन विधायक के फोन उठाकर बात करने लेने से समस्या का निदान नहीं हो जाएगा वह मुझे बता दें कि आज तक कितने लोगों की समस्या का निदान किया है? कितने लोगों को बेड व ऑक्सीजन मुहैया कराया है ? फोन उठाकर आश्वासन देने व समस्या का निदान करवा देने में जमीन आसमान का फर्क है, जनता त्राहिमाम कर रही है। लोगों ने कहा कि वह चाहे तो उनके क्षेत्र तो जिन परिस्थितियों से आज सरेनी की जनता गुजर रही है। उन परिस्थितियों से उन्हें निदान जरूर मिल सकता था।

अपने सहयोगियों को ठेके देने में जब नहीं कतराते तो उन्हें इस महामारी में जनता की सुरक्षा व्यवस्था का ठेका देने में परहेज क्यों ?

वही सरेनी विधानसभा के लोगों ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि जब विधायक जी अपने सहयोगियों को ठेके दिलवा सकते हैं तो क्या वही सहयोगी आज इस आपदा की घड़ी में उनकी मदद के लिए उनका साथ नहीं दे सकते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विधायक हैं बीडीसी नहीं उनका हर गांव में एक व्यक्ति तो है हूं लेकिन बहानेबाजी तो कैसे भी की जा सकती है। समय आने पर सरेनी की जनता इसका जवाब इन्हें अवश्य देगी। लोगों ने कहा कि यह सत्य है उनके परिवार में भी समस्याएं आईं है लेकिन उनके साथ चलने वाले सहयोगी वह अपने आप को प्रतिनिधि बताने वाले व्यक्ति उनके इस परिस्थिति पर जनता का सहयोग करके जनता के दिए हुए एक-एक वोट का कर्ज चुका सकते थे। लेकिन ऐसा न करके सब अपने-अपने घर दुबके रहे। जिसकी वजह से जनता में खासा नाराजगी व्याप्त है।

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