सियासत में प्रियंका गांधी की एंट्री का असर साफ दिखने लगा है. जहां कांग्रेस कार्यकर्ता आगामी चुनावों को लेकर बहुत उत्साहित हैं वहीं कांग्रेस के पश्चिम यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और महान दल यूपी में साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.’ महान दल और कांग्रेस के साथ आने से पार्टी पहले से मजबूत हुई है. माना जाता है कि पूर्वी यूपी की कुछ सीटों पर इस पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी है. इसलिए कांग्रेस को इस पार्टी का साथ मिलने से 2-3 सीटों का फायदा हो सकता है. महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने इस मौके पर एसपी और बीएसपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘इन लोगों को पिछड़ों और दलितों के नाम पर सत्ता मिली लेकिन उस समय इन्हें यह याद नहीं आया कि पिछड़ी जाति में दूसरी जाति के लोग भी हैं.’ मौर्य ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी और बसपा ने सिर्फ लोगों को बरगलाया है. हम कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 का चुनाव लड़ेंगे.’ गौरतलब है कि महान दल पूर्वी यूपी की पार्टी है और 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ थी. लेकिन विधानसभा चुनावों में उन्होंने एक दूसरे का साथ छोड़ दिया था. हालही में महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कांग्रेस राज्य मुख्यालय पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करके गठबंधन की पेशकश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. प्रियंका ने कहा कि वह मौर्य का स्वागत करती हैं और हम अगला लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमें लक्ष्य दिया है कि ऐसी राजनीति का निर्माण करें जिसमें सभी का प्रतिनिधित्व हो. यह गठबंधन उसी दिशा में किया गया प्रयास है. हम 2019 की लड़ाई जी जान से लड़ेंगे. महान दल के अध्यक्ष मौर्य ने इस मौके पर कहा कि सिर्फ कांग्रेस ने ही दलितों और पिछड़ों के आरक्षण समेत तमाम हितों के बारे में सोचा और कार्य किया है. केवल यही पार्टी सबको साथ लेकर चलने की सोच रखती है. मौर्य ने कहा कि साल 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में महान दल का कांग्रेस से गठबंधन रहा है. वर्तमान में पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को टुकड़ों में बांटकर सबको हिस्सा देगी. उन्होंने कहा कि उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन अब लंबा चलेगा. महान दल ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करके बदायूं, नगीना और एटा सीटों पर चुनाव लड़ा था, मगर तीनों ही जगह उसे हार का सामना करना पड़ा था. महान दल का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं में असर माना जाता है.