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रायबरेली जिला अस्पताल के डॉ. डॉक्टर बीरबल सहित कई डाक्टर कर रहे प्राइवेट प्रेक्टिस

रायबरेली : मुख्यमंत्री ने सरकारी चिकित्सकों से निजी प्रैक्टिस बंद करने और मरीजों का बेहतर उपचार करने की नसीहत दी थी उन्होंने कहा था कि मरीज बहुत विश्वास के साथ सरकारी अस्पतालों में आते हैं उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। चिकित्सकों के मरीजों से प्यार से बात करने से ही आधी बीमारी दूर हो जाती है। लेकिन इस नसीहत का जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर कोई असर नहीं हुआ है, यहां के कई डाक्टर निजी प्रेक्टिस में लिप्त हैं। सारे निर्देशों को दरकिनार करते हुए जिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. बीरबल जिला अस्पताल में कम, निजी क्लीनिक में अधिक ध्यान दे रहे हैं। नवसत्ता को मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार डॉ. बीरबल मोती लाल नेहरू स्टेडियम के पास स्थित तारा मेडिकल स्टोर में केबिन में बैठकर रोज़ाना शाम 4 से रात्रि 8, मरीजों को देखते हैं। डॉ. बीरबल यहां ₹300 फीस लेते हैं। सूत्रों के हवाले से पक्की जानकारी मिली है कि जिला अस्पताल में इन्हें दिखाने वाले मरीजों को इशारा हो जाता है कि कायदे से दिखाना है तो डॉ. बीरबल से तारा मेडिकल स्टोर में मिलो। ताज्जुब इस बात का है कि सरकार से नॉन प्रेक्टिस भत्ता लेने के बाद भी डॉ. बीरबल नियम विरुद्ध काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री तक सरकारी डाक्टरों के निजी प्रेक्टिस करने की शिकायत पहुंचने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक ने पिछले दिनों सूबे के समस्त जनपदों को पत्र भेजकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जनपद में मुख्यमंत्री की चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह ने प्रदेश भर में जिला अधिकारियों के नेतृत्व में टास्क फोर्स गठित करके प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सबूत जुटाने के निर्देश दिए थे। अस्पताल प्रभारी को अपने यहां कार्यरत डॉक्टरों से प्राइवेट प्रैक्टिस ना करने का शपथ पत्र लेने के निर्देश दिए गए थे। स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा जनपदों को भेजे निर्देश में कहा गया था कि क्लीनिक वह घर पर छापा मारा जाएगा। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह ने सरकारी सेवा में रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को दबोचने के लिए टास्क फोर्स के गठन की बात कही थी। उन्होंने निर्देश दिए थे निजी नर्सिंग होम, डॉक्टर की क्लीनिक और उनके घर पर टास्क फोर्स छापा मारकर रिपोर्ट देगी, इसके बाद प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी। उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरीजों के प्रति संवेदनशील होने के साथ ही सरकारी डॉक्टरों से निजी प्रैक्टिस बंद करने की अपील की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य भर के डॉक्टरों को नसीहत दी थी कि वह गैंग की तरह काम ना करें। योगी ने डाक्टरों का आवाहन किया था कि उन्हें गरीब मरीजों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सकों से निजी प्रैक्टिस बंद करने और मरीजों का उपचार करने की नसीहत दी थी। जनपद का कोई भी सरकारी डाक्टर निजी प्रेक्टिस नहीं करता है : एसीएमओ एसीएमओ डॉ. एसके चक के मुताबिक जनपद का कोई भी सरकारी डाक्टर निजी प्रेक्टिस नहीं कर रहा है। डॉ. एसके चक की मानें तो टास्क फोर्स ने जनपद में निजी प्रेक्टिस का एक भी केस दर्ज नहीं किया है। जिला अस्पताल का कोई डाक्टर निजी प्रेक्टिस में लिप्त नहीं है: मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का भी मानना है हमारे यहां का कोई डाक्टर निजी प्रेक्टिस नहीं कर रहा है। कहा, मेरी जानकारी में निजी प्रेक्टिस की कोई ऐसी सूचना नहीं है। निजी प्रेक्टिस करने वाले सरकारी चिकित्सकों के विरुद्ध होगी कार्रवाई : जिलाधिकारी वहीं, जनपद की नवांगतुक जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने नवसत्ता से कहा निजी प्रेक्टिस करने वाले सरकारी चिकित्सकों के विरुद्ध सबूत मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा निजी प्रेक्टिस के खिलाफ छापेमारी के लिए टास्क फोर्स गठन के सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा मैं टास्क फोर्स को एक्टिवेट कर दूंगी। कहा, निजी प्रेक्टिस की शिकायत को पूरी गंभीरता से लिया जाएगा।

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