निर्वाचन आयोग (Election Commission) 2019 के आम चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) की तैयारियों में जुट गया है। आयोग ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों की दिल्ली में दो दिन तक बैठक की और वीवीपैट तथा ईवीएम को चुनाव के दौरान दुरूस्त रखने पर जोर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव अधिकारियों से कहा कि अपने यहां के लिए चुनाव मशीनों की जरूरतों के बारे में बताएं। मशीनों पर ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें ताकि मतदान के समय तकनीकी दिक्कतें न आएं। लोकसभा चुनाव मई में होने की संभावना है। ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा ने कार्यकर्ताओं को दिए जीत के ‘छह सूत्रीय मंत्र’ वर्ष 2014 में हुए आम चुनावों में 9,30,000 मतदान केंद्र बनाए गए थे। 10.40 लाख ईवीएम इस्तेमाल की गई थीं। इस बार इतनी ही वीवीपैट इस्तेमाल होंगी क्योंकि लोकसभा चुनावों में पूरी तरह से वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाना है। तकनीकी खामियां पिछले साल तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम से जुड़ी तकनीकी खामियां सामने आई थी। आयोग ने कहा था कि एक से दो पर्सेंट खामियां रिपोर्ट हुई है जो बहुत कम है। इनसे चुनाव पर असर नहीं पड़ा है। ये भी पढ़ें: भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस से सहयोग को तैयार: शिवपाल यादव आयोग में हुई थी चर्चा गत वर्ष आयोग में इसको लेकर चर्चा हुई थी कि एक सीट की पांच फीसदी वोटिंग मशीनों का मिलान वीवीपैट से होना चाहिए। लेकिन इस बारे में कोई फैसला नहीं हो पाया। वीवीपैट मिलान सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में दायर एक याचिका में कहा गया कि वीवीपैट व ईवीएम में पड़े वोटों का मिलान करने का प्रतिशत 30% बढ़ाया जाए। इस मामले में कोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि आयोग चुनाव के बाद हर सीट पर तीन से चार मशीनों की पर्ची का मिलान ईवीएम से करता है। ये मिलान करना बहुत कम है।