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ट्रकों से उड़ती राख से लोग हो रहे बीमार और दुर्घटना के शिकार

 

 

राकेश कुमार

 

ऊंचाहार, रायबरेली, नवसत्ता : जिले के मुख्य राज्यमार्ग लखनऊ प्रयागराज हाईवे पर आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और कई लोगों की तो सड़क हादसे के दौरान मृत्यु भी हो चुकी है। यह लोग कोरोना संक्रमण का शिकार ना होते हुए भी सड़क दुर्घटना में अपनी मौत को गले लगा रहे हैं ।जिले में सड़क के मुख्य राजमार्ग पर सड़क दुर्घटना का एक और भी कारण है।

तहसील क्षेत्र ऊंचाहार में कोयला पर आधारित विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी से निकलने वाली राख टैंकरों द्वारा सड़क मार्ग से जिले की सीमेंट फैक्ट्री रिलायंस, बिरला, एसीसी आदि को भेजा जाता है। कुछ राख आसपास ही एनटीपीसी द्वारा बनाए गए बांध पर भेजा जाता है।एनटीपीसी परियोजना के शैलो पर यूपीएल कंपनी के अधिकारियों और संविदा कर्मियों की देखरेख में वाहनों पर राख को लोड किया जाता है। इन गाड़ियों में कुछ गाडियां ओवरलोड भी होती हैं और जब यह टैंकर सड़क मार्ग से हाईवे की तरफ बढ़ते हैं, तो इनमें राख लोडिंग के दौरान गाड़ी पर लगी हुई राख रास्ते भर में और बाजारों के बीच उड़ती हुई धूल की तरह लोगों के शरीर आंख,नाक में प्रवेश करती है। गौरतलब यह है कि शैलों पर इंतजाम किए गए हैं कि लोडिंग के उपरांत सभी गाड़ियां धुलने के बाद ही बाहर जाएं । फिर भी एनटीपीसी और यूपीएल के कर्मचारियों की अनदेखी से यह गाड़ियां बिना धुलाई के ही बाहर मार्ग पर निकाल दी जाती है और सड़क पर आवागमन करने वाले पैदल यात्री और मोटरसाइकिल पर चलने वाले लोगों को मार्ग के बीच में पड़ने वाले बाजार में लोगों को बीमारी और दुर्घटना का शिकार बनाती है ।सड़क मार्ग पर आने जाने वाले लोगों की आंखों में अचानक से टैंकरों से उड़ती हुई राख पड़ने से मार्ग में अपने आप दुर्घटना का कारण बन जाती हैं । हालांकि परियोजना से निकली यह राख उपयोगी भी है लेकिन केवल खेतों में बेहतर फसल,सड़क,भवन, हाईवे निर्माण , ईंट और सीमेंट बनाने में ।अध्ययन के तौर पर कंक्रीट की धूल में सिलिका व अन्य खतरनाक तत्व रहते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों के रास्ते से शरीर में प्रवेश करके फेफड़ों में संक्रमण उत्पन्न कर सकते हैं । इससे अस्थमा की संभावना बढ़ जाती है । इसके अलावा यह नेत्र और त्वचा संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है । पावर प्लांट की उड़ती हुई राख से एनटीपीसी परियोजना से सटे गांव बभनपुर,बिकाई, पूरबारा, फरीदपुर,निरंजनपुर आदि के ग्रामीण काफी परेशान है । संक्रमण और अस्थमा जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित भी है । फिर भी बरसों से इस कार्य को बिना किसी बेहतर इंतजाम के बेझिझक तरीके से एनटीपीसी और यूपीएल के कर्मचारियों द्वारा करवाया जा रहा है।

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