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बंगाल के पंचायत चुनाव में बूथ कैप्चरिंग, कूचबिहार में बैलट बॉक्स लेकर भागा युवक

कोलकाता, नवसत्ताः  पश्चिम बंगाल में आज पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान राज्य के अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। कूचबिहार जिले में कई मतदान केंद्रों पर भारी हिंसा हुई है। इसके साथ ही यहां पर एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक शख्स मतपेटी लेकर भागता नजर आ रहा है। इस घटना ने चुनाव को लेकर पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं।

आप को बता दें कि कूचबिहार में ही एक अन्य मतदान केंद्र पर मतपेटी में आग लगाने की घटना सामने आई है। खबरों के मुताबिक दिनहाटा के बारानाचिना में एक मतदान केंद्र पर कथित तौर पर फर्जी मतदान से नाराज मतदाताओं ने मतपेटी में आग लगा दी। एजेंसी ने आग लगाए जाने का वीडियो भी शेयर किया है।

12 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत
आप को बता दें कि शुक्रवार रात से अब तक 12 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है। जबकि चुनाव के ऐलान के बाद से अब तक कुल 30 लोगों की मौत हो चुकी हैं। कूचबिहार में तूफानगंज में शुक्रवार (7 जुलाई) देर रात टीएमसी कार्यकर्ता की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। कूचबिहार में ही बीजेपी के कार्यकर्ता माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मुर्शिदाबाद में 5 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या
मुर्शिदाबादा में 5 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है, जिसमें दो-दो टीएमसी और सीपीएम से हैं, जबकि एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हुई है। मालदा के मानिक चौक में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। वहीं पूर्वी बर्दवान में भी टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या हुई है। साउथ 24 परगना के बसंती में एक टीएमसी कार्यकर्ता की बम विस्फोट में मौत हो गई है। नदिया जिले में एक टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या हुई है।

22 जिला परिषदों की करीब 928 सीटों, 9730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के लिए करीब 5.67 करोड़ लोग 61, 636 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले जा रहे है। शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 822 कंपनियों की मांग की गई थी। राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में 61,636 मतदान केंद्रों में से 4,834 मतदान केंद्रों को ‘संवेदनशील’ केन्द्र के रूप में चिह्नित किया था।

इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक आदेश पारित करके कहा कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल, जिन्हें पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चरणों में तैनात किया जा रहा है, चुनाव के बाद की घटनाओं को रोकने के लिए 10 दिनों तक अलर्ट पर रहेंगे।मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति उदय कुमार की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि ऐसी घटनाएं क्रमशः राज्य पंचायत चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा के बाद 2018 और 2021 में हुई थीं। चुनाव बाद हिंसा को रोकने लिए सुरक्षाबलों को तैनात करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।

 

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