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 नोएडा में बिल्डर प्लॉट्स की होगी बड़े स्तर पर नीलामी, लगेगी अरबों रुपए की बोली

  • -67.32 करोड़ से लेकर 178.34 करोड़ रुपए के बीच इन प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस किया गया है निर्धारित
  • -30 दिन में पोजेशन व लीज प्लान की उपलब्धता समेत तमाम सहूलियतें प्लॉट प्राप्त करने वाले बिल्डर्स को मिलेंगी यहां

लखनऊ/ ग्रेटर नोएडा, नवसत्ता :- उत्तर प्रदेश में समेकित विकास का खाका खींच रही योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-4.0) के आयोजन के साथ ही ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हाउसिंग व कमर्शियल एक्टिविटीज को बढ़ावा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, सीएम योगी के विजन अनुसार ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि 18215 से लेकर 38711 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले इन प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस 83.78 करोड़ रुपए से लेकर 178.34 करोड़ रुपए के बीच निर्धारित किया गया है। खास बात यह भी है कि बिल्डर प्लॉट आवंटन स्कीम के जरिए जिन प्लॉट्स का ऑक्शन किया जाएगा वह ग्रेटर नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट के पास ही स्थित हैं। साथ ही, जिन सेक्टर्स में इस स्कीम के जरिए बिल्डर प्लॉट्स की नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा वह कनेक्टिविटी के लिहाज से भी बेहद अहम होगी। फिलहाल, इस स्कीम के तहत ई-ऑक्शन प्रक्रिया के जरिए जिन प्लॉट्स की नीलामी होनी है उनकी ब्रोशर डाउनलोडिंग व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है तथा 1 अप्रैल 2024 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

सेक्टर 12 व सिग्मा-3 समेत कई सेक्टर के प्लॉट्स होंगे आवंटित
सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है उनमें म्यू (एमयू), ओमीक्रॉन-1ए, इटा-02, सिग्मा-3 सेक्टर 36 व सेक्टर 12 प्रमुख हैं। प्रक्रिया के अंतर्गत म्यू सेक्टर के प्लॉट नंबर जीएच-02ई (जिसका वर्ग क्षेत्र 18215 स्क्वेयर मीटर निर्धारित है) का रिजर्व्ड प्राइस 87.78 करोड़ रुपए रखा गया है। इसी प्रकार ओमीक्रॉन-1ए सेक्टर में प्लॉट जीएच-01/जीएच01ए (जो कि 30470.52 स्क्वेयर मीटर में फैला है) का रिजर्व्ड प्राइस 140.16 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, इटा-02 सेक्टर के प्लॉट नंबर जीएच01ए (जोकि 28265 वर्ग मीटर में फैला है) का रिजर्व्ड प्राइस 143.02 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, सिग्मा-3 सेक्टर के प्लॉट नंबर 151 (जो कि 30000 वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है) का रिजर्व प्राइस 138 करोड़ तथा प्लॉट नंबर 207 (जो कि 38771 मीटर वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है और स्कीम के तहत आवंटित होने वाला सबसे बड़े प्रसार क्षेत्र वाला प्लॉट है) का रिजर्व प्राइस 178.34 करोड़ रुपए रखा गई है जो कि सर्वाधिक है।

सेक्टर 12 के 2 प्लॉट्स का भी प्रक्रिया के जरिए होगा ऑक्शन
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिन 8 चिह्नित बिल्डर प्लॉट्स के ई-ऑक्शन की प्रक्रिया जीबीसी-4.0 के बाद पूरी की जाएगी उनमें ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 12 के दो केटेगरी के प्लॉट्स भी शामिल हैं। इनमें से सेक्टर 12 के जीएच-01/बी, सी, डी, ई, जे व के में 32350 वर्ग मीटर के प्लॉट भी शामिल हैं जिनका रिजर्व्ड प्राइस 130.05 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, सेक्टर 12 के ही जीएच-01/एफ, जी, एच व आई में 22558 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले प्लॉट का रिजर्व प्राइस 90.68 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। इसी प्रकार सेक्टर 36 के प्लॉट बी-255 (जिसका 13938.50 वर्ग मीटर क्षेत्र में प्रसार है) का रिजर्व प्राइस 67.32 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है जो कि स्कीम के तहत सबसे कम क्षेत्रफल और सबसे कम रिजर्व प्राइस वाला प्लॉट है। उल्लेखनीय है कि यह सभी प्लॉट्स जेवर एयरपोर्ट के पास स्थित होने के कारण बेहतर कनेक्टिविटी युक्त हैं और यही कारण है कि भविष्य में इन क्षेत्रों का पौश रेजिडेंशियल व कमर्शियल एरिया के रूप में विकास सुनिश्चित हो सकेगा। ऐसे में, योगी सरकार ने इन प्लॉट्स की क्षमता को पहचानते हुए अभी से इस क्षेत्र का विकास शुरू कर दिया है।

युवाओं को रोजगार से जोड़ने को मिशन मोड में प्रदेश सरकार

मुख्यमंत्री के विजन और मिशन से युवाओं का परिचय कराने विश्वविद्यालयों में जाएंगे सेवानिवृत्त अधिकारी और शिक्षाविद

● ₹10 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के विविध आयामों से युवाओं का परिचय करायेगा। इसके लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों सहित की 42 सदस्यीय टीम गठित की है। आगामी 17-18 फरवरी को यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर नौकरी/रोजगार/सेवायोजन से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी, साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के संबंध में जागरूक करेगी। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर अयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों की 42 सदस्यीय विशेष टीम के साथ संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश:

● विगत वर्ष 10-12 फरवरी तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता से आप सभी सुपरिचित हैं। लगभग ₹40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए और अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है। यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी/सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।आप सभी प्रदेश की इस सफलता के साक्षी रहे हैं, सहयात्री रहे हैं।

● उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं का प्रदेश है। देश और प्रदेश के समग्र विकास में हमें इन संभावनाओं को जमीन पर उतारना होगा। आप सभी के पास सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। महत्वपूर्ण पदों पर दायित्व निर्वहन किया है। आपके इन अनुभवों से हमारे युवा लाभान्वित हों, इसके लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।

● इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे प्रयास केवल उद्यमियों के लिए नहीं हैं, अपितु इसके केंद्र में हमारा युवा वर्ग है। इसका सबसे ज्यादा लाभ युवाओं को ही होगा। उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे और इसका सीधा लाभ हमारे युवा को होगा। हम अपने युवाओं का कौशल उन्नयन भी कर रहे हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर भी बना रहे हैं।

● उत्तर प्रदेश में विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है। मध्य उत्तर प्रदेश और एनसीआर की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड का बहुत कम विकास हुआ था। यहां न तो इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट का काम हुआ था न ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में उद्योग नहीं लग पाए। नतीजतन यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। हमने इस असमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं।

● ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के हर जिले के लिए निवेश मिला है। अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक सीमित नही है, बल्कि हर एक जिला इससे लाभान्वित है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी 75 जिलों को मिलेगा। 19 फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा।

● किसी भी योजना की सफलता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो। अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं। इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद और संपर्क महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार आप सभी अनुभवी अधिकारियों और शिक्षाविदों का सहयोग ले रही है।

● जीबीसी@IV के आयोजन के पूर्व विश्वविद्यालयों व अन्य शैक्षिक संस्थानों में आप सभी का युवाओं से संवाद महत्वपूर्ण होगा। संवाद करते हुए आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न नीतियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में वृहद पूंजी निवेश आकर्षित किये जाने की योजनाओं की जानकारी दें। भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से उनका परिचय कराएं। उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें। ताकि अधिकाधिक युवा योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह समिट किस प्रकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी होगा, इस संबंध में मार्गदर्शन करें।

● हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जो बताती है कि तमिलनाडु से 60 हजार श्रमिक प्रदेश वापस लौटे। यह सभी टेक्सटाइल सेक्टर में कार्य कर रहे थे। निश्चित रूप से इन्हें उत्तर प्रदेश में अपने सुखमय और सुरक्षित भविष्य की संभावना दिखी होगी, तभी इन्होंने उत्तर प्रदेश लौटने का निर्णय लिया। यहां यह भी समझना होगा कि यह श्रमिक केवल फैक्ट्री में काम ही नहीं करते हैं, यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान भी करते हैं। इसी तरह, कोरोनाकाल में प्रदेश लौटे प्रवासी जनों की हमने स्किल मैपिंग की और यहीं रोजगार मुहैया कराया।

● विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए। यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा।

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