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पूर्व सांसद देवी प्रसाद त्रिपाठी की चौथी पुण्यतिथि पर गरीबों निराश्रितों को वितरित होगा कम्बल

रमाकांत बरनवाल 

सुलतानपुर, नवसत्ता  :-विविध भाषाओं के ज्ञाता, ओजस्वी वक्ता तथा राजनीति के पुरोधा कादीपुर तहसील के मलिकपुर नोनरा गांव में 29 नवम्बर 1952 को जन्में गांव के लाल देवी प्रसाद त्रिपाठी का रुझान 16 वर्ष की आयु से ही राजनीति की ओर रहा और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र रहते छात्र संघ  के अध्यक्ष चुने गए जिसको उन्होंने बखूबी निभाया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद वहीं वे राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर बने। लिखने पढ़ने की ज़िद के चलते उन्होंने दर्जनों किताबें भी लिखी जिसमें ‘भारत और ताइवान’,’सेलिब्रेटिंग फ़ैज़’, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था’,व ‘संक्रमण में नेपाल’ ‘भारत चीन सम्बन्ध’ जैसी प्रमुख रचनाएं हैं तथा ‘थिंक इंडिया’ नामक मासिक पत्रिका का उन्होंने सम्पादन भी किया।हिंदी और अंग्रेजी तथा ज्ञान विज्ञान से सम्बंधित किताबों का पढ़ना उनका शगल था। भारतीय संस्कृति के वाहक श्री त्रिपाठी को भारतीय भाषाओं के अलावा विदेशी भाषाओं का भी ज्ञान था जिससे उन्हें थिंक टैंक कहा जाता था।

उक्त तमाम विशेषताओं के रहते इनकी विद्वता को देख पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने इन्हें अपना सहयोगी बना लिया व कांग्रेस के अति निकट हो गए। यद्यपि वे वामपंथ की विचारधारा से प्रभावित तो रहे पर उस पथ पर न चल उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया व कालांतर में सोनिया गांधी की विदेशी मूल पर हो रहे विवाद के दौरान उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया व वर्ष 1999 में महाराष्ट्र शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए जहां उन्हें राष्ट्रीय महासचिव व मुख्य प्रवक्ता बनाया गया और इस पार्टी को उन्होंने राष्ट्रीय क्षितिज पर प्रमुखता दिलाया। इनकी विद्वता व इनकी प्रखरता पर पार्टी ने महाराष्ट्र से इन्हें राज्य सभा का सांसद चुना।

ऐसे प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व का 67 वर्ष की उम्र में ही 2 जनवरी वर्ष 2020 को अचानक देहावसान हो गया जिससे देश के राजनीतिक क्षितिज पर एक युग का अन्त हो गया तथा अपनों के बीच व कादीपुर क्षेत्र से एक प्रतिभा चला गया जिसकी पूर्ति अब असम्भव सा हो गया। श्री त्रिपाठी के पंचतत्व में विलीन हो जाने के बाद राजनीति में विद्वता व प्रखरता जैसे शब्द खाली – खाली लगने लगा तथा परिवारजनों व क्षेत्रवासियों में उनकी स्मृति ही शेष रह गयी जिसके स्मरण मात्र से ही सबका मन दुःखी हो जाता है।स्व त्रिपाठी का स्मरण व उन्हें याद करने तथा उनकी जीवन्तता कायम रखने के लिए इस वर्ष भी परिवारजनों द्वारा चौथे पुण्यतिथि का आयोजन किया जा रहा है जहां क्षेत्रवासियों को भी श्रद्धांजलि दिए जाने का अवसर प्राप्त होगा।

मलिकपुर नोनरा में उनके निज निवास पर ही 2 जनवरी को बहुत ही भव्य तरीके से श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी।इस श्रद्धांजलि सभा में शांति पाठ के अलावा उनके बड़े भाई समाजसेवी शशिभूषण त्रिपाठी ‘श्री नेत्र त्रिपाठी’  गरीबों, विधवा, विकलांगों, निराश्रित तथा असहाय व्यक्तियों को इस ठंड से निजात पाने के लिए कंबल का वितरण भी करेंगे। कार्यक्रम में बुद्ध जीवियों, जनप्रतिनिधियों और विशिष्ट जनों को सम्मानित करने का कार्यक्रम भी होगा जहां सभी बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्व त्रिपाठी को नमन कर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

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